सात समन्दर पार,कायम है हिंदी का व्यवहार  

सात समन्दर पार,कायम है हिंदी का व्यवहार  

भोपाल, भारतीयता दुनिया में शांति और सौजन्यता का प्रतीक है और यही भावना हिंदी को लेकर है। हिंदी उदार और निश्चल मानवीय सरोकारों को प्रदर्शित करती है,यही कारण है कि दुनिया के नामचीन विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है,जिससे भारतीय समुदाय इन विश्वविद्यालयों में पढ़े और उनका फायदा अन्य विद्यार्थियों को भी मिले।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी हिंदी लेखन की भूमिका पर  चर्चा

यह बात सोफिया विश्वविद्यालय बल्गारिया के प्रोफेसर आनंद वर्धन शर्मा ने गीतांजली कॉलेज द्वारा आयोजित एक अंतराष्ट्रीय व्याख्यान के मौके पर कही। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी हिंदी लेखन की भूमिका पर  चर्चा करते हुए महात्मा गाँधी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास और प्रवासी भारतीय मजदूरों की दशा पर आधारित साहित्य का उल्लेख मार्मिक पंक्तियों के माध्यम से किया। प्रोफेसर शर्मा ने प्रवासी हिंदी साहित्यकार तेजिंदर शर्मा,अरविन्द कुमार, अंजना,सुषम बेदी,उषा वर्मा,शैल अग्रवाल आदि की  कथाओं  और कविताओं के मानवीय पक्षों को उभार कर वैश्विक स्तर पर उनके प्रभावों की जानकारी दी। 

इसे भी देखें

बदलेगी भारतीय सेना की वर्दी, हटेंगे गुलामी के निशान

विश्व में हिंदी के प्रचार प्रसार में महात्मा गांधी की महती भूमिका

शासकीय गीतांजलि कन्या महाविद्यालय भोपाल (स्वशासी) के हिंदी विभाग द्वारा प्रवासी हिंदी लेखन विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ.जयश्री मिश्रा ने विश्व में हिंदी के प्रचार प्रसार में महात्मा गांधी की महती भूमिका को सामने  लाते हुए कहा कि बापू ने विदेशों में रहने वाले भारतीयों के मनोभावों को सामने लाते हुए यह सन्देश दिया की हिंदी जोड़ती है,हिंदी मानवता की रक्षा करती है और हिंदी विनम्रता से कठिनाइयों में विजय हासिल करती है।

इसे भी देखें

11 मसाला फसलों की खेती पर सरकार देगी अनुदान, जानें पूरी प्रक्रिया और करें आवेदन

- देश-दुनिया तथा खेत-खलिहान, गांव और किसान के ताजा समाचार पढने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल न्यूज, फेसबुक, फेसबुक 1, फेसबुक 2,  टेलीग्राम,  टेलीग्राम 1, लिंकडिन, लिंकडिन 1, लिंकडिन 2, टवीटर, टवीटर 1, इंस्टाग्राम, इंस्टाग्राम 1, कू ऐप से जुडें- और पाएं हर पल की अपडेट.