भोपाल का महिला थाना प्रदेश का पहला आईएसओ सर्टिफिकेट प्राप्त थाना 

भोपाल का महिला थाना प्रदेश का पहला आईएसओ सर्टिफिकेट प्राप्त थाना 

5 से ज्यादा टॉयलेट और महिलाओं के लिए फीडिंग रूम उपलब्ध

पीडि़ताओं की सभी समस्याओं का एक ही छत के नीचे किया जा रहा निराकरण

महिला थाने में 41 कर्मचारी वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्य कर रहे

भोपाल, इंटरनेशनल डे फॉर गल्र्स चाइल्ड के अवसर पर भोपाल के महिला थाने को आईएसओ सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। यह प्रदेश का पहला महिला थाना है, जिसे यह सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। भोपाल पुलिस कमिश्नरेट द्वारा जेल रोड स्थित महिला थाने में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में आईएसओ सर्टिफिकेशन संस्था की प्रतिनिधि हेमलता शर्मा ने महिला थाने की प्रभारी शिल्पा कौरव को आईएसओ सर्टिफिकेट प्रदान किया। इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर  हरिनारायणचारी मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह का सर्टिफिकेशन का मतलब सिर्फ अच्छा भवन नहीं बल्कि हमारे थाना प्रभारी, अधिकारी व जवानों का आमजन से किस तरह का व्यवहार है, उन्हें किस तरह के नियम कानूनों की जानकारी है, क्या हर आने वाले के साथ वे सहानुभूति के साथ बातचीत करते है, आदि मापदंड हैं। इन मानकों के अनुरूप ही यहां के पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है।

इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा कि जब भी हम किसी भी समाज की व्यवस्था का आकलन करते हैं तो कसौटी के रूप में इस बात को देखते हैं कि वहां बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए सुरक्षा की कैसी व्यवस्था है। क्या वे बेझिझक, बिना किसी हिचक के अपनी बातों को, अपनी शिकायतों को दर्ज करवा सकते हैं, अपनी पीड़ा को अभिव्यक्त कर सकते हैं। इसी के आधार पर पूरी व्यवस्था की एक संवेदनशीलता होती है। अगर देखा जाए तो महिला थाने का यह जो नया प्रयोग हुआ है, यह मील का पत्थर साबित हो रहा है। खासतौर पर महिला संबंधी अपराधों के निराकरण और कार्यपद्धति के रूप में इस थाने ने नए आयाम स्थापित किए हैं। इस तरह के सर्टिफिकेशन होने से मूलभूत आवश्यकताओं का बारीकी से मूल्यांकन किया गया है। हमारी व्यवस्था के अनुरूप उसे बनाया गया है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। महिला डेस्क सभी जिलों में अच्छा कार्य कर रही है, परंतु विशेष रूप महिला थाना होने से यह महिला के विरुद्ध होने वाले अपराधों का सर्वाधिक निराकरण करने वाले प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। इसे पूरी तरह से पीडि़ता महिलाओं की हरसंभव मदद के लिए परिमार्जित किया गया है। उम्मीद है कि महिला संबंधी अपराधों के प्रभावी निराकरण में यह थाना आगे भी मददगार साबित होगा और सभी उम्मीदों पर खरा उतरेगा।

पीडि़त महिलाओं को मिल रही उत्कृष्ट सुविधाएं
पीएसओ टू डीसीपी डॉ. विनीत कपूर ने महिला थाने में पीडि़ताओं को मिलने वाली सुविधाओं और आधुनिक भवन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यहां बेतरतीब मालखाना था, जिसमें सुधार करवाया और मालखाने में रखे माल को तय नियमों के आधार पर अदालत में जमा करवाया। रेनोवेट हुए इस थाने के भवन का 22 फरवरी को उद्घाटन हुआ था। उन्होंने बताया कि बेहतर प्रबंधन के लिए यहां थाना स्टाफ के लिए जीरो रिस्क बैठक व्यवस्था की। साथ ही यहां सीसीटीवी लगाए गए और विवेचना अधिकारियों और स्टाफ को अलग-अलग कमरे व कंप्यूटर प्रदान किए गए। महिला थाना होने के कारण इसे विक्टिम फ्रेंडली बनाया गया। यहां छोटे बच्चों के लिए झूलाघर भी है और 5 से ज्यादा टॉयलेट बनाए गए हैं। यहां महिलाओं के लिए फीडिंग रूम भी है। महिलाओं और बच्चों को इस थाने में मिलने वाली इन सभी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ही इस थाने को आईएसओ सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है।

इस आधार पर दिया गया आईएसओ सर्टिफिकेट
 आईएसओ सर्टिफिकेशन संस्था की प्रतिनिधि श्रीमती हेमलता शर्मा ने बताया कि हमने थाने की अधोसंरचना, यहां आने वाले विक्टिम या फरियादियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का उन सभी का अवलोकन किया, उनमें आईएसओ के मापदंडों के अनुसार जो और सुधार हो सकते थे, उसके बारे में सुझाव दिए गए। इसके पश्चात महिला थाने में वे सुधार किए गए। फाइनल ऑडिट के बाद हमने इस थाने को आईएसओ सर्टिफिकेशन की घोषणा की, जो आज प्रदान की जा रही है। महिला थानों में हाईटेक सॉफ्टवेयर्स हैं, जिन पर प्रशासन और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में यहां कार्य किया जा रहा है। यहां पीडि़ताओं की सभी समस्याओं को एक ही छत के नीचे पूर्ण की जा रही है। यहां 41 कर्मचारी वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्य कर रहे हैं और उन सभी का हैप्पी इन्डेक्स बहुत अच्छा है। यहां कार्य को इतने अच्छे तरीके से सेगमेंटाइज किया गया कि इतना वर्कलोड होने के बाद भी इनका हैप्पी इन्डेक्स बहुत अच्छा है और ये सभी पुलिसकर्मी बेहतर तरीके से कार्य कर पा रहे हैं।

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