Covid-19 वैक्सीन, कोविशील्‍ड से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा, जानें क्यों

Covid-19 वैक्सीन, कोविशील्‍ड से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा, जानें क्यों

नई दिल्‍ली। वैक्सीन बनाने वाली ब्रिटिश फार्मास्युटिकल दिग्गज कंपनी एस्ट्राजेनेका ने  ब्रिटेन की एक अदालत में माना कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस नामक एक दुर्लभ दुष्प्रभाव हो सकता है।  

टीटीएस जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकते हैं

कोविशील्ड वैक्सीन से टीएस यानी थ्रोम्बोसइटोपेनिया सिंड्रोम शरीर में खून के थक्के जमने का कारण बनती है। इसके कारण पीड़ित व्यक्ति को स्ट्रोक, हृदयगति रुकने जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। खून के थक्के जम सकते हैं। प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है।  

ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट की आशंका

शरीर में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से खून के थक्के जमना शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा बॉडी में प्लेटलेट भी तेज़ी से गिरने लगता है। शरीर में ब्लड क्लॉक के कारण ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट जैसी आशंका बढ़ जाती है।

दुनियाभर में 60 लाख लोगों ने लगवाई वैक्सीन

कंपनी का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान वैक्सीन के सहारे दुनियाभर में 60 लाख लोगों की ज़िंदगियां बचाई गई हैं।
मालूम हो कि एस्ट्राजेनेका ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ मिलकर भारत के पुणे में कोविशील्ड वैक्सीन तैयार की है। वहीं कोरोना महामारी के बाद लोगों के हार्ट अटैक से दम तोड़ने की घटनाएं बेहद आम होने लगी हैं। जिसके बाद से ही कोविड वैक्सीन को संदेह की नजरों से देखा जाने लगा है। 

क्‍या है थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस

टीटीएस के साथ थ्रोम्बोसिस एक दुर्लभ स्थिति है, इसमें शरीर में असामान्य स्थानों पर रक्त के थक्के बन जाते हैं। खून में प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है। प्लेटलेट्स रक्त को जमने में मदद करती हैं, इनका बहुत कम होना खतरनाक हो सकता है। 

यह स्थिति उन लोगों में देखी गई, जिन्हें वैक्सजेवरिया, कोविशील्ड (एस्ट्राजेनेका) और जॉनसन एंड जॉनसन/जानसेन कोविड-19 वैक्सीन जैसे एडेनोवायरल वेक्टर कोविड-19 वैक्‍सीन दी गई थी। टीटीएस इसलिए होता है, क्योंकि शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम एंटीबॉडी बनाकर टीके के प्रति प्रतिक्रिया करती है, जो खून के थक्के जमने में शामिल प्रोटीन पर हमला करती है।

टीटीएस के लक्षण

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के लक्षणों में गंभीर सिरदर्द, पेट दर्द, पैरों में सूजन, सांस लेने में परेशानी और सोचने में समस्या या दौरे पड़ना आदि शामिल हो सकते हैं।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया था उत्पादन

एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना महामारी के दौरान विकसित कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था। 

यूके हाई कोर्ट में 51 मामले 

एस्ट्राजेनेका को ब्रिटेन में कई मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है। मुकदमों में दावा किया गया गया है कि उसके टीके के कारण कई मामलों में मौतें हुईं और गंभीर चोटें आईं। यूके हाई कोर्ट में 51 मामले ऐसे हैं, जिनमे पीड़ित 100 मिलियन पाउंड तक हर्जाने मांगरहे हैं। पहले शिकायतकर्ता जेमी स्कॉट ने आरोप लगाया था कि उन्हें अप्रैल 2021 में वैक्‍सीन लगाई गई थी, जिससे ब्‍लड क्‍लॉटिंग के बाद उनके मस्तिष्क में स्थायी चोट लग गई, जिसके कारण डनहें उन्हें काम करने में काफी दिक्‍कत होती है।
एस्ट्राजेनेका ने कहा, "यह माना जाता है कि AZ वैक्सीन, बहुत ही दुर्लभ मामलों में, TTS का कारण बन सकती है। इसके अलावा, TTS AZ वैक्सीन (या किसी भी वैक्सीन) की अनुपस्थिति में भी हो सकता है।" एस्ट्राज़ेनेका ने स्कॉट के दावे के कानूनी बचाव में अपनी स्वीकृति दी, जिससे पीड़ितों और शोक संतप्त रिश्तेदारों को भुगतान मिल सकता है।

अब भारत में हो सकते हैं मुकदमे

भारत में कोविड के बाद ऐसी मौतों की संख्या अत्यधिक बढ़ गई थी, जिनमें कारण का स्पष्ट पता नहीं चला था। इनमें से अधिकांश को किसी न किसी शारीरिक समस्या से जोड़ कर देखा गया और सरकार व स्वास्थ्य जगत ने यह कभी नहीं माना कि कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के कारण ऐसा  हो सकता है। अब कंपनी की इस स्वीकारोक्ति के बाद भारत में भी मुकदमों का दौर शुरू होने की संभावना है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एमआरएनए प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं किया

डब्ल्यूएचओ ने एडेनोवायरस वेक्टर टीकों को लेकर कहा है कि इनसे शायद ही कभी ऐसी स्थितियां विकसित होती हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड नामक कोविड-19 रोधी टीके का उत्पादन किया, लेकिन एमआरएनए प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं किया। इसे वायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है। वैक्सीन में एक चिंपैंजी एडेनोवायरस को संशोधित किया गया है, ताकि यह मनुष्यों की कोशिकाओं में कोविड-19 स्पाइक प्रोटीन ले जाने में सक्षम हो सके।

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