जिला अदालत ने ऐतिहासिक फैसला: आदिवासियों से धोखाधड़ी के आरोपी को 170 साल की सजा
सीहोर, मध्य प्रदेश के सीहोर जिला अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए धोखाधड़ी के दोषी को 170 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 9 लाख 35 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका है। सहायक जिला अभियोजन अधिकारी प्रमोद अहिरवार ने मीडिया को बताया कि जज संजय कुमार शाही की अदालत ने चिट फंड कंपनी साईं प्रसाद कंपनी के डायरेक्टर बाला साहब भापकर को आईपीसी की धारा 420 और चिट फंड एक्ट में 5- 5 साल की सजा निवेशकों की संख्या के हिसाब से सुनाई गई है। यह कुल मिलाकर 170 साल बनती है।
5 साल पूरे होने के बाद पैसा दोगुना होना था
दरअसल, मामले में फरियादी दयाराम ने थाना गोपालपुर में शिकायती आवेदन दिया था। कहा कि स्वयं उसके परिवार और गांव के निवासियों ने साल 2012 से 15 के बीच में सभी लोगों ने साईं प्रसाद कंपनी में पैसा निवेश किया था, और 5 साल पूरे होने के बाद पैसा दोगुना होना था। लेकिन जब वो कंपनी कार्यालय में गए तो वह बंद मिला और पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद पीडि़तों ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई कि कंपनी के डायरेक्टर बाला साहब भापकर ने 1 करोड़ 40 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी प्रमोद अहिरवार
इसी मामले में अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कंपनी के डायरेक्टर बाला साहब भापकर को आईपीसी की धारा 420 और चिट फंड एक्ट की धाराओं में 5-5 साल की सजा सुनाई। यह सजा कुल 170 साल की है। यही नहीं, दोषी को 9 लाख 35 हजार के जुर्माने से दंडित किया गया है।
पहले संपत्ति कुर्क के हो चुके हैं आदेश
इससे पहले में भी कोतवाली थाना के प्रकरण में भी कंपनी डायरेक्टर बाला साहब भापकर को सजा सुनाई जा चुकी है। कंपनी की संपत्ति को कुर्क कर निवेशकों को पैसा लौटने के आदेश हुए हैं।