पाकिस्तान में कट्टरपंथियों ने एक और मंदिर को तोड़ा, वीडियो वायरल

पाकिस्तान में कट्टरपंथियों ने एक और मंदिर को तोड़ा, वीडियो वायरल

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कट्टरपंथियों ने एक बार फिर हिंदुओं की आस्था पर चोट की है। कट्टरपंथ्यिों ने यहां एक और मंदिर को तोड़ दिया। दिनदहाड़े मंदिर पर किए गए कायराना हमले के कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। वीडियो में कट्टरपंथियों की भीड़ मंदिर में तोड़फोड़ करती दिख रही है। यह घटना पंजाब प्रांत के रहीम यार खान के पास स्थित भोंग शहर की बताई जा रही है। उधर, इमरान खान की पार्टी के नेता ने इसकी निंदा की है।

सोशल मीडिया में वायरल वीडियो के अनुसार, पंजाब प्रांत के भोंग शहर में मौजूद गणेश मंदिर में कट्टरपंथियों ने उत्पात मचाते हुए जमकर तोड़फोड़ की। कट्टरपंथियों ने मंदिर में न केवल मूर्तियों को खंडित किया, बल्कि मंदिर में लगे झूमर, कांच जैसे सजावटी समानों को भी तोड़ दिया। हमले के दौरान मंदिर में कट्टरपंथियों की भारी भीड़ जमा थी। हालांकि, इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसके पहले भी मंदिरों पर हुए हमले में आरोपी गिरफ्तार नहीं किए गए हैं। खास बात यह है कि इमरान सरकार में कट्टरपंथियों पर कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद हैं।

https://twitter.com/RashmiDVS/status/1423017251725271047

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई के नेता और युवा हिंदू पंचायत पाकिस्तान के संरक्षक जय कुमार धीरानी ने ट्वीट कर इस घटना की निंदा की है। उन्होंने लिखा कि जिले के भोंग शरीफ में मंदिर पर हुए इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह हमला प्यारे पाकिस्तान के खिलाफ साजिश है। मैं अधिकारियों से दोषियों को सलाखों के पीछे डालने का अनुरोध करता हूं।

हर साल 1000 से ज्यादा धर्म परिवर्तन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में हर साल 1000 से ज्यादा ईसाई और हिंदू महिलाओं या लड़कियों का अपहरण किया जाता है। इसके बाद उनका धर्म परिवर्तन करवा कर इस्लामिक रीति रिवाज अनुसार निकाह करवा दिया जाता है। पीड़ितों में ज्यादातर की उम्र 12 साल से 25 साल के बीच में होती है। हालांकि, यह आंकड़े अनुमानित है, वास्तकिता में यह संख्या इससे ज्यादा है। इसके पीछे मुख्य वजह ऐसे मामलों में पुलिस द्वारा अपराध दर्ज नहीं करना है, जिससे वास्तविक संख्या पता नहीं चलती। यही नहीं अपहृत होने वाली लड़कियों में से अधिकतर गरीब तबसे से जुड़ी होती हैं। जिनकी कोई खोज-खबर लेने वाला नहीं होता है। उधर, पाकिस्तान में कोविड संकट के दौरान हिंदू और ईसाई लड़कियों का जमकर धर्मांतरण हुआ है। इसको लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चिंता भी जताई है।