जम्मू-कश्मीर चुनाव: आतंकियों के परिवारों ने जताई लोकतंत्र में आस्था
जम्मू, दस साल के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में लोकतंत्र का अलग रंग दिखा। इस चुनाव में जहां एक तरफ अलगाववादियों के गढ़ में मतदान में लोगों ने रुचि दिखाई वहीं दूसरी तरफ आतंकवादियों के परिवार के सदस्यों ने भी लोकतंत्र में आस्था जताई। सीमा से लगे क्षेत्रों में भी अच्छा मतदान हुआ। इतिहास में पहली बार पश्चिम पाकिस्तान रिफ्यूजी, गोरखा व वाल्मीकि समाज के लोगों ने मत डाले। कड़ी सुरक्षा के बीच तीसरे चरण में सात जिलों की 40 सीटों पर 65.65 फीसदी मतदान हुआ। पहले चरण में 61.38 और दूसरे चरण में 57.31 फीसदी मत पड़े थे।
बहिष्कार का कहीं नाम तक नहीं, बूथ तक पहुंचे लोग
उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के टॉप कमांडर उमर मीर के पिता गुलाम हसन मीर ने ब्रथ कलां इलाके में अपना वोट डाला। अलगाववादियों के गढ़ सोपोर, लंगेट, पलहालन समेत उत्तरी कश्मीर के कई इलाकों में कहीं भी बहिष्कार की कॉल नहीं थी और लोग घरों से बाहर निकलकर बूथ तक पहुंचे। उत्तरी कश्मीर की सभी 16 सीटों पर बिना किसी व्यवधान के मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। इंजीनियर रशीद, एजाज गुरु तथा सज्जाद लोन के इलाके में भी मतदान हुआ।
बार्डर से लगे मतदान केंद्रों पर सुबह से लगी लाइन
अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे कठुआ के हीरानगर, सांबा के रामगढ़, जम्मू के सुचेतगढ़, छंब, अखनूर, बिश्नाह और एलओसी से सटे बारामुला के उड़ी, बांदीपोरा के गुरेज और कुपवाड़ा के करनाह, त्रेहगाम, कुपवाड़ा व लोलाब विधानसभा हलके में सुबह से ही मतदान के लिए लोग उमड़े। सभी जगह लंबी कतारें देखने को मिलीं।
सोपोर में सबसे कम, विजयपुर में सबसे अधिक 76.42 मतदान
अलगाववादियों के गढ़ सोपोर में 2014 से 11 फीसदी अधिक पड़े मत
सांबा के विजयपुर में सबसे अधिक 76.42 और अलगाववादियों के गढ़ रहे सोपोर में सबसे कम 41.44 फीसदी वोट पड़ा। 2014 के चुनाव में 30.41 फीसदी मत पड़े थे। सांबा जिले में सबसे अधिक 73.45 और बारामुला में सबसे कम 55.73 प्रतिशत मतदान हुआ।
जिलावार मतदान प्रतिशत
जिला 2024 --- 2014
बांदीपोरा 64.85 --- 74.37
बारामुला 55.73 --- 57.29
जम्मू 66.79 --- 75.15
कठुआ 70.53 --- 77.11
कुपवाड़ा 62.76 --- 71.48
सांबा 73.45 --- 79.66
उधमपुर 72.91 --- 76.89