मप्र कांग्रेस ने इनामी गैंगस्टर चरण सिंह यादव को दिया बिजावर से टिकट

मप्र कांग्रेस ने इनामी गैंगस्टर चरण सिंह यादव को दिया बिजावर से टिकट

भोपाल। मप्र में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव लिए कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है उसमें एक ऐसा नाम है जो सभी को चौंका रहा है। वह नाम है चरण सिंह यादव का। कांग्रेस ने यादव को छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा सीट से टिकट दिया है। यादव यूपी के इनामी गैंगस्टर हैं और अब मप्र से चुनाव लड़ेंगे। उत्तर प्रदेश के जिला झांसी की शहर कोतवाली पुलिस ने चरण सिंह को 2023 में ही गैंगस्टर घोषित किया है। गैंगस्टर एक्ट के तहत चरण सिंह की सितंबर 2023 में करोड़ों की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं। आरोप है कि करीब दो साल पहले साल 2021 में चरण सिंह यादव किन्हीं दस्तावेजों के आधार पर मतदाता सूची में कई जगह नाम जोड़ रहे थे। उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग के आदेश के बाद झांसी की बबीना थाने की पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया था। जिसके बाद धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

उत्तर प्रदेश के झांसी जिला का रहने वाले हैं चरण सिंह यादव
चरण सिंह यादव मप्र के छतरपुर जिला की सीमा से लगे हुए उत्तर प्रदेश के झांसी जिला का रहने वाले हैं। इस प्रत्याशी की रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह पहले भी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से ताल ठोक चुके हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने चरण सिंह यादव को छतरपुर की बिजावर सीट से विधानसभा का प्रत्याशी बनाया है। इस अधिकृत प्रत्याशी पर उत्तर प्रदेश पुलिस गैंगस्टर की कार्रवाई कर चुकी है। अभी हाल ही में इनपर 420 का मुकदमा भी दर्ज किया गया था। उत्तर प्रदेश के झांसी जिला के मोठ ब्लॉक से समाजवादी पार्टी की सरकार में चरण सिंह यादव ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं। इससे पहले चरण सिंह 2013 में टीकमगढ़ से समाजवादी पार्टी और 2018 में पन्ना से बीएसपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इस संबंध में मप्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस की टिकट बांटने की प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा है कि आधा सैंकड़ा से भी अधिक संगीन आपराधिक मामले दर्ज वाले लोगों को भी उम्मीदवार बनाकर अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया है। ऐसे आपराधिक लोगों से भला नारी कितनी सुरक्षित रहेंगी यह कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा से बेहतर कौन समझ सकता है?

झांसी की शहर कोतवाली पुलिस ने 2023 में ही गैंगस्टर घोषित किया 
 चरण सिंह को झांसी की शहर कोतवाली पुलिस ने 2023 में ही गैंगस्टर घोषित किया था और इसी वर्ष सितंबर 2023 में चरण सिंह की करोड़ों की संपत्तियां भी कुर्क हो चुकी हैं। इससे पहले भी चरण सिंह पर कई मामलों में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है और धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। छतरपुर पुलिस ने भी इन पर इनाम घोषित किया था। ऐसे व्यक्ति को कांग्रेस ने बिजावर विधानसभा सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाकर अपराधियों से सांठगांठ की अपनी मंशा उजागर कर दी है। कांग्रेस से घोषित उम्मीदवार चरण सिंह यादव का पहले से दो स्थानों पर मतदाता सूची में नाम दर्ज होने के बाद भी कूटरचित दस्तावेजों से उन्होंने बबीना में भी अपना नाम दर्ज करा लिया था। इस मामले की शिकायत के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने जांच कराई थी। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई थी। सामने आया था कि चरण सिंह ने बीडीसी चुनाव के दौरान भरे गए शपथ पत्र में भी इसके बारे में कोई उल्लेख नहीं किया था। इस पर चरण सिंह के खिलाफ सदर तहसीलदार ने धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। झांसी प्रेमनगर थाना क्षेत्र के निवासी पूर्व प्रवक्ता अरुण कुमार शुक्ला ने काफी समय पहले झांसी में होमगार्ड ट्रेनिंग पुलिस ग्राउंड के पास एक प्लॉट खरीदा था। बाद में मालूम हुआ कि यह जमीन विवादित है। इसलिए उन्होंने विक्रेता से अपने रुपए वापस मांगे। विपक्षियों ने उन्हें रुपए देने की बजाय धमकी दी। इस सम्बन्ध में चरण सिंह, उनकी पत्नी अनुपमा यादव और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद विपक्षियों ने अरुण कुमार पर राजीनामा करने के लिए दबाव बनाने के लिए उन्हें जान से मारने की धमकी दी। कोतवाली पुलिस ने पूर्व प्रवक्ता की सूचना पर चरण सिंह यादव सहित तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

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