संतूर और सितार की जुगलबंदी आज...
केंद्रीय मंत्री कुलस्ते ने भी पेंटिंग में आज़माया हाथ
रज़ा स्मृति में चित्रकारी करने उमड़े कला प्रेमी
Syed Javed Ali
मंडला - महान चित्रकार सैयद हैदर रज़ा की स्मृति में रज़ा फाउंडेशन नई दिल्ली के तत्वाधान में आयोजित रज़ा स्मृति का आयोजन रज़ा कला वीथिका में चल रहा है।
गुरुवार को केंद्रीय इस्पात व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते रज़ा स्मृति में पहुंचे। श्री कुलस्ते ने वीथिका में प्रदर्शित गोंड कलाकारों की प्रदर्शनी का अवलोकन का उसकी सराहना की। मंत्री ने रज़ा स्मृति के प्रतिभागियों से भी आत्मीय चर्चा की। इसके साथ ही मंत्री ने पेंटिंग पर भी हाथ आज़माया। उन्होंने छाते पर पेंटिंग की। रज़ा फाउंडेशन के कार्यों की तारीफ करते हुए मंत्री जी ने महान चित्रकार सैयद हैदर रज़ा को भी याद किया। उन्होंने कहा कि यह उनका जन्म शती वर्ष है। उन्होंने मंडला का नाम अपनी बेमिसाल चित्रकारी से पूरे विश्व पर पहुँचाया है। फाउंडेशन भी उनके काम को बखूबी आगे बढ़ा रहा है। मंडला में हमेशा कुछ नया देखने को मिल रहा है जिससे कला के क्षेत्र में भेतरीन वातावरण तैयार हुआ है।
रज़ा स्मृति के चौथे दिन शुक्रवार को प्रकृति वाहने और संस्कृति वाहने सितार व संतूर की जुगलबंदी छेड़ेगी। प्रकृति वाहने सितार और संस्कृति वाहने संतूर वादन करेंगी। यह आयोजन शाम 7 बजे रज़ा कला वीथिका में होगा। शुक्रवार की दोपहर 12 बजे सरदार पटेल ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन खैरी में वाहने बहने अपनी प्रस्तुति देंगी। दोनों बहने इसके पहले बड़े - बड़े मंचों में भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी है। इनके पिता डॉ लोकेश वहाने मशहूर सितार वादक हैं। दोनों बहनों ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता से ही प्राप्त की है। मंडला में यह पहला मौका होगा जब भारतीय शास्त्रीय संगीत के शौकीनों को सितार व संतूर की जुगलबंदी लाइव देखने व सुनने को मिलेगी। इसके पहले लखनऊ की सुशीला पूरी और प्रागराज के बसंत त्रिपाठी का काव्य पाठ होगा।
रज़ा स्मृति के तीसरे दिन दिन में जहां लोग रंगों की दुनिया में डूबे नज़र आये तो शाम कथक के नाम रही है। रज़ा फाउंडेशन ने मई से लगातार निःशुल्क पेंटिंग व कथक की वर्कशॉप का आयोजन किया था। इसी में कथक नृत्य सीख रही छात्राओं द्वारा शानदार प्रस्तुति दी गई। यह प्रस्तुति कथक नृत्यांगना रानू चंद्रौल के मार्गदर्शन में हुई।
दिन में बड़ी संख्या में लोग चित्रकारी करने कला वीथिका पहुंचे। चित्रकारी को लेकर बच्चों व महिलाओं में ख़ासा उत्साह देखा गया। हर कोई अपनी रूचि की चीज़ों में पेंटिंग करते नज़र आया। महिलाओं ने छातों को भी अपनी कल्पना के मुताबिक रंगीन कर दिया। स्कूली बच्चे भी अपने शिक्षकों के साथ पेंटिंग करने पहुंचे।
शुक्रवार की शाम जहां वाहने बहने संतूर और सितार की तान छेड़ेगी तो दिन में लोग रंगों के खुमार में डूब चित्रकारी कर सकेंगे। रज़ा फाउंडेशन के सदस्य सचिव संजीव चौबे ने समस्त कला प्रेमियों से रज़ा स्मृति के सभी कार्यक्रमों में उपस्थित होकर इसे सफल बनाने की अपील की है। रज़ा फाउंडेशन द्वारा आयोजिय रज़ा स्मृति 2022 में जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद् , मण्डला, माँ रेवा सेवा महाआरती समिति और इनर वोइस सोसाइटी सहयोग कर रही है।