चार छात्रों का कमाल, बनाए प्रदूषण मुक्त पटाखे, बिजली से चार्ज होंगे, रिमाट से चलेंगे

चार छात्रों का कमाल, बनाए प्रदूषण मुक्त पटाखे, बिजली से चार्ज होंगे, रिमाट से चलेंगे

गोरखपुर, गोरखपुर में चार छात्रों ने कमाल करते हुए पलूशन फ्री पटाखे बनाकर स्वास्थ्य और सेहत के प्रति जागरूकता का एक बड़ा संदेश दिया है। प्रदूषण मुक्त ये पटाखे रिमोट कंट्रोल से संचालित होंगे जो गुणवत्ता और रोमांच में सामान्य पटाखों से किसी भी तरह कम नहीं होंगे। छात्रों की इस उपलब्धि पर संस्था प्रबंधन बेहद खुश है। सहजनवा के गीडा स्थित आईटीएम के चार छात्रों ने एक बड़े कारनामे को अंजाम दिया है, जिसके तहत छात्रों ने ऐसे पटाखे का निर्माण किया जो पॉल्यूशन फ्री होंगे।

किसी भी प्रकार का वायु प्रदूषण या सेहत को नुकसान नहीं होगा

इन पटाखों के संचालित होने पर किसी भी प्रकार का वायु प्रदूषण या सेहत को नुकसान नहीं होगा। इन पटाखों को रिमोट कंट्रोल से संचालित किया जा सकेगा। रिमोट का बटन एक बार दबाने पर एक सेकंड में लगभग 10 बार तेज स्पार्क के साथ आवाज होगी, जो सामान्य पटाखों से रोमांच और गुणवत्ता में बिल्कुल भी कम नहीं होंगी। खास बात यह है कि एक बार इन पटाखों को लेने के बाद कई वर्षों तक इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा। फिलहाल इन्हें ट्रायल के लिए तैयार किया गया है। संस्था प्रबंधन का कहना है कि इन पटाखों से वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है। वहीं यह पटाखे चाइनीज तकनीकी को भी टक्कर देंगे।

पटाखे बिजली से चार्ज होते हैं 

पटाखों को तैयार करने वाले छात्रों प्रशांत शर्मा, अंशु सिंह, आकाश निषाद और अनुराग कुमार सिंह ने बताया कि यह पटाखे बिजली से चार्ज होते हैं और रिमोट कंट्रोल की सहायता से इन्हें संचालित किया जा सकता है। छात्र प्रशांत बताते हैं कि फिलहाल केवल चटाई पटाखे का डिजाइन तैयार किया गया है। इस प्रदूषण रहित पटाखे को बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, ताकि इससे प्रदूषण के साथ ही बच्चे भी सुरक्षित रह सके।

बाजारों में चीनी प्रभुत्व को भी कम किया जा सकता है 

पटाखे को बनाने में लगभग 2 से 3 000 रुपए का खर्च आया है, लेकिन जब हम इन्हें अधिक मात्रा में बनाएंगे तो इस पर लागत कम हो जाएगी। पटाखे को आप कई वर्षों तक इस्तेमाल कर सकते हैं। छात्र बड़े उत्साह के साथ कहते हैं कि इन पटाखों की तकनीकी से हम चीनी तकनीकि को भी कहीं ना कहीं पीछे छोड़ सकते हैं। बाजारों में उनके प्रभुत्व को भी कम किया जा सकता है। इन पटाखों को तैयार करने के लिए डीसी स्पार्क, एलईडी, इलेक्ट्रिक वायर और रिमोट का इस्तेमाल किया गया है।

प्रोडक्ट को बाजार में लाने का भी प्रयास जारी

संस्थान के निदेशक डॉक्टर एनके सिंह ने बताया कि छात्रों की नई तकनीकी एवं आईडिया से हमें भी प्रोत्साहन मिलता है। इससे हम छात्रों को और ज्यादा प्रेरित करने के उद्देश्य से हर संभव प्रयास करते हैं। प्रयास जारी है कि इन प्रोडक्ट को बाजार में भी लाया जा सके। छात्रों की इस उपलब्धि पर संस्थान सहित पूरा प्रबंध खुश है, हम छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

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