राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल संस्थान विधेयक-2023 ध्वनिमत से पारित
जयपुर। शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि जोधपुर में स्थापित किया जा रहा राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल संस्थान वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्वस्तरीय मानक स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी वर्तमान में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहे सेक्टर्स में से एक है। राज्य के युवाओं को इस क्षेत्र में प्रशिक्षित करने के लिए इस संस्थान की स्थापना की जा रही है।
डॉ. कल्ला सोमवार को विधान सभा में राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल संस्थान विधेयक-2023 पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जोधपुर में स्थापित किया जा रहा यह विश्वस्तरीय संस्थान डिजिटल वर्ल्ड में एक नई क्रांति साबित होगा। इससे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे तकनीकी क्षेत्र के विशेषज्ञ तैयार होंगे, जिन्हें दुनिया भर में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। संस्थान आईटी क्रांति के सूत्रधार भारत रत्न स्व. राजीव गांधी के नाम से स्थापित किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान दौर में जहां साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं और निवेश व बीमा जैसे कार्यों के लिए लोगों को विशेषज्ञ सलाह की आवश्यकता बढ़ रही है, इस संस्थान से डिजिटल ज्ञानयुक्त वित्तीय प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने वित्तीय संसाधनों से संस्थान के लिए 672.45 करोड़ की राशि का प्रावधान किया है, जिसमें से 130 करोड़ की राशि व्यय भी की जा चुकी है। इसके लिए 97 बीघा भूमि आवंटित की जा चुकी है, जिस पर निर्माण कार्य जारी है।
डॉ. कल्ला ने कहा कि संस्थान में यूजीसी और एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त डिप्लोमा, डिग्री कोर्सेज उपलब्ध हो सकेंगे। यह संस्थान डिजिटल स्टेट यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित होगा जहां सायबर एक्सपर्ट और डिजिटल एक्सपर्ट तैयार किए जाएंगे। साथ ही, संस्थान आईआईटी, एम्स के मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। यहां का प्रबंधन पूर्ण रूप से स्वायत्तशासी होगा। इससे पूर्व सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकृत कर दिया।