सदन में कश्मीरी पंडित रेस्क्यू रिहैबिलिटेशन रिसेटलमेंट बिल 2022 लाएंगे राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा
सदन में कश्मीरी पंडित रेस्क्यू रिहैबिलिटेशन रिसेटलमेंट बिल 2022 लाएंगे राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा
मेडिकल हेल्थ कैंप में शामिल होने मंडला के योगीराज हॉस्पिटल पहुंचे कांग्रेस के राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर
मंडला - मेडिकल हेल्थ कैंप में शामिल होने मंडला पहुंचे कांग्रेस के राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे। उन्होंने चर्चित फिल्म कश्मीर फाइल्स पर भी खुलकर बात की। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह को इंदौर की विशेष न्यायालय द्वारा सुनाई गई एक वर्ष की सजा पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी। शिक्षक पात्रता परीक्षा के पेपर आउट होने की खबर पर विवेक तन्खा ने कहा कि यदि ऐसा हुआ है तो सच में यह काफी गंभीर है। कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का चित्र होने पर प्रतिक्रिया देते हुए विवेक तन्खा ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री होता तो मैं अपना चित्र नहीं लगता।
स्थानीय योगीराज हॉस्पिटल में मीडिया से बात करते हुए विवेक तन्खा ने कहा कि फिल्म कश्मीर फाइल्स मैंने आज तक नही देखी। न ही मुझे फिल्म देखने की आवश्यकता है क्योंकि मुझे पता है कि 32 साल पहले कश्मीर में क्या हुआ था। फिल्म उसका एक हिस्सा दिखाती है। लेकिन जैसा हर फिल्म होता उसका व्यावसायिक पहलू होता है और उस फिल्म का जो राजनेतिक इस्तेमाल हो रहा है वह कश्मीरी पंडितों के लिए ठीक बात नहीं है। कश्मीरी पंडित 32 साल से न्याय का इन्तिज़ार कर रहा है। कश्मीरी पंडित के साथ न्याय नहीं हुआ। न्याय तब होता है जब सरकार सामूहिक हत्या कांड की कमिशन बैठता, न्याय दिलाता लेकिन वो नहीं हुआ। कश्मीरी पंडितों को अपनी संपत्ति छोड़कर जाना पड़ा। उनकी संपत्ति किस तरीके से वापस मिलेंगे, अगर वापस नहीं होगी तो क्या कंपनसेशन मिलेगा ? यदि वह अपनी जगह वापस जाना चाहते हैं तो वह सब कैसे होगा। मैंने पार्लिमेंट में कहा कि 370 कश्मीर नहीं है। 370 कश्मीर का एक पार्ट है। 370 को आप कश्मीर समझ बैठे। हमे जम्मू एंड कश्मीर और लद्दाख की बात करनी है। वहां के लोगों की बात करनी है और इसी वजह से मैं 1 अप्रैल को प्राइवेट मेंबर बिल ला रहा हूं। कश्मीरी पंडित रेस्क्यू रिहैबिलिटेशन रिसेटलमेंट बिल 2022। यह पहली बार 32 साल में एक प्राइवेट मेंबर लेकर आ रहा है। 32 सालों में किसी ने कश्मीरी पंडितों के लिए प्राइवेट बिल लाने की नहीं सोची। इतने सालों में किसी ने नहीं कश्मीरी नहीं सोचा कि तुम सुरक्षित वापस जा सकते हो, अपनी प्रॉपर्टी वापस ले सकते हो। तुम्हारे साथ जो अन्याय हुआ उसका इंसाफ होना चाहिए। यह बिल पहले 17 तारीख के लिए नोटिफाई हुआ था लेकिन होली की छुट्टी की वजह से यह नहीं हुआ। अब यह भी नोटिफाइड है 1 अप्रैल के लिए। मैं 1 अप्रैल को प्रस्तुत करूंगा। जब मैं कश्मीर को लेकर 4 दिन पहले बोल रहा था तो मैंने पूरे सदन से विनती की थी कि एक मतेन बिल को समर्थन दें ताकि यह कानून बनने की राह में डिस्कशन पर जाएगा और मुझे यह बताते हुए बिल्कुल संकोच नहीं है कि मैं कश्मीरी पंडित और पूरे सदन में एकलौता कश्मीरी पंडित हूँ।
दिग्विजय सिंह को हुई सजा पर मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ -
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह को इंदौर की विशेष न्यायालय द्वारा सुनाई गई एक वर्ष की सजा पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता व राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि 11 साल पुराना केस है और दिग्विजय सिंह तो आक्रामक नही थे। मुझे नही लगा कि दिग्विजय सिंह आक्रामक थे। वो तो कही जा रहे थे, उन पर हमला हुआ, उनके काफिले पर हमला हुआ। उन्होंने तो हमला करने वालो को भगाया। भगाने वाली सजा हो गई यह मुझे समझ आया। अब साक्ष्य क्या है यह मुझे नहीं मालूम। दिग्विजय सिंह से बात होगी मैं भी साक्ष्य देखूंगा उसके बाद में निर्णय लेंगे कि क्या करना है। वैसे अपील तो फाइल होती है।
असली लोगों को व्यापम में सजा नहीं हुई -
शिक्षक पात्रता परीक्षा के पेपर आउट होने की खबर पर विवेक तन्खा ने कहा कि मुझे भी इस बारे में फोन आ रहे है। जिन लोगों ने यह जानकारी दी है उन लोगों से बात करूंगा कि आखिर हुआ क्या है ? और जैसा कहा जा रहा है कि गंभीर मामला है। यदि गंभीर होगा तो हम इसके एन्ड तक जाएंगे। जो लोग जिन्होंने यह सब करवाया उन पर कार्यवाही करवाएंगे, क्योंकि यह मजाक बहुत हो गया इस प्रदेश पर। व्यापम के बाद भी लोग सुधरे नहीं। क्योंकि असली लोगों को व्यापम में सजा नहीं हुई। सजा मिली उन बच्चों को, उनके माता-पिता को जो शिक्षा मांग रहे थे और शिक्षा के लिए पैसा साथ दे रहे थे और कॉलेजस पैसा ले रहे थे। मैं इसको अपराध नहीं समझता। यह अभाव है कि आप उन्हें शिक्षा दे नहीं पा रहे हो। जो बदमाशी करा रहे थे, जिन्होंने यह व्यवस्था बनाई थी उनका कुछ नहीं हुआ। हम इस नए आरोप को बहुत गंभीरता से लेंगे और पता चालयेगे कि इसमें क्या हुआ है। कुछ होगा तो कार्यवाही करवायेगे।
मैं प्रधानमंत्री होता तो मैं अपना चित्र नहीं लगता -
कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का चित्र होने पर प्रतिक्रिया देते हुए विवेक तन्खा ने कहा कि उनके निर्णय को लेकर मैं क्या कहूं। मैं प्रधानमंत्री होता तो मैं अपना चित्र नहीं लगता क्योंकि देश का कोई सर्टिफिकेट होता है उसमें अपना चित्र लगाना अच्छी बात नहीं होती। अभी मैं सिंगापुर गया था वहां कस्टम इमीग्रेशन में जब मैंने कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिया तो वो लोग पूंछने लगे कि यह चित्र किसका है। क्यूंकि उनको तो नहीं मालूम कि मोदी जी कौन है तो ओड लगता है। विश्व के किसी भी देश में जिनको कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मिला है उसमे उनके देश के प्रधान मंत्री या राजा का फोटो नहीं लगा है। मेरे विचार से यह अच्छी बात नहीं है। हमे इस तरह की प्रथा से बचना चाहिए।