दादी इंदिरा को याद कर वरुण गाँधी ने लिखा, सच्चा नेता अकेला जीत का श्रेय नहीं लेता

दादी इंदिरा को याद कर वरुण गाँधी ने लिखा, सच्चा नेता अकेला जीत का श्रेय नहीं लेता

नई दिल्ली, बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने शुक्रवार (22 दिसंबर) को दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुए कहा है कि एक सच्चा नेता जीतने का अकेला श्रेय नहीं लेता है। वरुण ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत का जिक्र किया है।

शेयर किया 22 दिसंबर 1971 में लिखा गया पत्र

वरुण गांधी ने उनकी दादी (इंदिरा गांधी) की ओर से तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल सैम मानेकशॉ को लिखा एक पत्र X हैंडल पर साझा किया है. पत्र में दिख रही तारीख के अनुसार यह 22 दिसंबर 1971 में लिखा गया था।

सच्चा नेता जानता है दिल कब बड़ा होना चाहिए

वरुण ने अपनी पोस्ट में लिखा, ''1971 के युद्ध में ऐतिहासिक जीत के बाद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल सैम मानेकशॉ को पत्र। एक सच्चा नेता जानता है कि पूरी टीम ही जीतती है और जानता है कि कब बड़ा दिल होना चाहिए और अकेले श्रेय नहीं लेना चाहिए। आज के दिन पूरा भारत इन दोनों महान भारतीय खजानों को सलाम करता है...''

वरुण गांधी कांग्रेस के करीब आ रहे हैं?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, वरुण गांधी यह प्रतिक्रिया उन अटकलों की पृष्ठभूमि में आई है कि वह कांग्रेस सर्किल के करीब आ रहे हैं क्योकि हाल में वह बीजेपी की बैठकों से बचते रहे हैं।  पिछले महीने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और वरुण गांधी ने उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर में एक छोटी और अप्रत्याशित मुलाकात की थी। राहुल और वरुण चचेरे भाई हैं। हालांकि, दोनों नेताओं ने बैठक के राजनीतिक महत्व को खारिज किया था।

हाल ही में अपनी ही पार्टी की सरकार पर तंज कसा था

वहीं, इसी साल सितंबर में एक मरीज की मौत के बाद अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किए जाने पर वरुण ने यूपी में अपनी ही पार्टी की सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने एक्स पर कहा था कि एक नाम के खिलाफ नाराजगी से लोगों का काम खराब नहीं होना चाहिए।

क्या है सैम मानेकशॉ को लिखे इंदिरा गांधी के पत्र में?

वरुण गांधी की ओर से शेयर किए गए पत्र में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने लिखा था, ''प्रिय जनरल मानेकशॉ, पिछले दिनों ने हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और हमारे राष्ट्रीय मूल्यों को बनाए रखने में हमारे सशस्त्र बलों की शानदार उपलब्धि के लिए लोगों की प्रशंसा और सराहना का प्रमाण दिया है. मैं जानती हूं कि सेनाध्यक्ष के रूप में और चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में आपका बोझ कितना भारी रहा है और आप पर दबाव कितना लगातार रहा है।'' 

सैम मानेकशा को दिया श्रेय

उन्होंने लिखा, ''तीनों सेनाओं के बीच समन्वय, जो अभियान के दौरान इतना प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शित हुआ, इसका श्रेय आपके शानदार नेतृत्व को जाता है। मैं विशेष रूप से इस संकट के दौरान आपके सहयोग, आपकी स्पष्ट सलाह और निरंतर उत्साहवर्धन को महत्व देती हूं। मैं आपके प्रति, आपके अधिकारियों और कर्मियों के प्रति सरकार और भारत के लोगों का आभार व्यक्त करना चाहती हूं।''

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