रूपाली मिश्रा ने दुबई में ऊंचा किया मंडला का नाम...
रूपाली मिश्रा ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर किया मंडला का नाम रौशन
दुबई में आयोजित प्रतियोगिता बनी मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड मिसेज इंजीनियस
Syed Javed Ali
मंडला - गत दिवस दुबई में आयोजित मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड में मिसेज इंजीनियस बन रूपाली मिश्रा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंडला का नाम रौशन किया है। मूल रूप से मंडला निवासी रूपाली मिश्रा नर्मदा जी वार्ड निवासी जनक तिवारी और श्रीमती शशिकला तिवारी की सुपुत्री हैं। रूपाली का विवाह जबलपुर निवासी विनय मिश्रा से हुआ। पिछले कुछ वर्षों से वो अपने परिवार के साथ म्यांमार में रह रही है। वहीं उनका चयन मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड के लिए हुआ था। समूचे विश्व में रह रहे प्रवासी भारतीयों व आवासीय भारतीयों में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित व लोकप्रिय व मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड कॉम्पिटिशन में फाइनल राउंड दुबई में आयोजित किया गया था। इसमें पूरे विश्व से चयनित 115 महिला प्रतिभागी शामिल हुई थी। इसमें मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड टाइटल के अलावा भी कुछ प्रमुख टाइटल प्रदान किये गए है। इसमें रुपाली द्वारा जीता गया टाइटल मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड मिसेज इंजीनियस प्रतियोगिता के प्रमुख टाइटल्स में से एक है। रुपाली ने मिसेज इंजीनियस बन गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसके अलावा प्रतियोगिता को कुछ जोन और एलिमेंट में भी बांटा गया था और अलग - अलग कैटेगरी के लिए भी अवार्ड रखे गए थे।
इवेंट के लिए कम किया 20 किलो वजन -
उल्लेखनीय है कि डेढ़ साल पहले उन्होंने मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड में रजिस्ट्रेशन किया था। इसने दुनिया भर से और भारत से शादी शुदा महिलाएं भाग लेती हैं। इस कंपटीशन में ज्यादातर वर्किंग वूमेन होती है जोकि अपने-अपने क्षेत्रों में निपुण है। दुनिया भर से एन आर आई और भारतीय रहवासी ने हिस्सा लिया, जिसमें फाइनल राउंड तक 115 महिलाएं पहुंची। इनको दुबई में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। 6 दिन के दुबई टूर में भिन्न भिन्न प्रकार के राउंड से गुजर कर रूपाली मिश्रा अंत तक पहुंची और उन्होंने मिस्टर इंडिया वर्ल्ड वाइड मिसेस इंजीनियस का खिताब जीत लिया। रूपाली की पिछले डेढ़ साल की कठिन मेहनत रंग लाई। इस दौरान रुपाली ने अपना 20 किलो वजन कम किया। 40 की उम्र में खुद को निखारने, मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक रूप से स्वस्थ बनाने पर काम किया।
फिनाले में बैंडेज लगाकर किया कैटवॉक -
रुपाली बताती हैं कि यह प्रतियोगिता इतनी आसान नहीं थी। उनके साथ आर्मी कमांडर, डॉक्टर, एचआर हेड, गायनेकोलॉजिस्ट, एयर होस्टेस और अन्य विभागों की उच्चतम पद में रहने वाली महिलाएं कंपटीशन में थी, जबकि रूपाली मिश्रा पिछले 18 सालों से एक ग्रहणी के किरदार में थी। उनके लिए अपने ट्रांसफॉर्मेशन की प्रक्रिया इतनी आसान नहीं थी। उन्होंने अपने आप पर बहुत काम किया, जिसके लिए उनको पूरे परिवार का बहुत सपोर्ट मिला। न केवल उनके माता - पिता बल्कि उनके ससुर राम कुमार मिश्रा सहित ससुराल वालों ने भी उन्हें पूरा सहयोग कर उन्हें प्रोत्साहित किया। दुबई में भी यह प्रक्रिया इतनी आसान नहीं थी, 115 निपुण महिलाओं के बीच अपनी जगह बनाना साधारण बात नहीं थी। 6 इंच हील पहनकर 16 घंटे सुबह 3:00 बजे से रात 2:00 बजे तक अलग-अलग टास्क होते थे। उन्हें पहनने से ज्यादातर महिलाओं को पैरों में छाले आ गए। रूपाली मिश्रा ने बताया की फिनाले में बैंडेज लगाकर उन्होंने कैटवॉक किया। उनके अनुसार मिस इंडिया के कंपटीशन में इस उम्र में भाग लेने के लिए उनके पति विनय मिश्रा ने प्रोत्साहित किया। अपने पति व 17 वर्षीय उनके बेटे अक्षत मिश्रा के साथ, सहयोग और प्यार के कारण उन्होंने इस प्रतियोगिता में जीत हासिल की है।
केक काट कर मनाया जीत का जश्न -
दुबई से मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड मिसेज इंजीनियस बनकर लौटी रूपाली, म्यांमार जाने के पहले नई दिल्ली पहुंची, जहां अभी उनके माता - पिता अपने बेटे के रह रहे है। अपने भाई के घर पहुँचने पर रूपाली का जोरदार स्वागत हुआ। रुपाली ने केक काट कर इस जीत को अपने माता - पिता व भाई के साथ साझा किया। रुपाली ने मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड मिसेज इंजीनियस का अपना जीता हुआ ताज अपनी माँ को पहनाकर उन्हें भाव विभोर का दिया।