काशी विश्वनाथ मंदिर को आजाद कराने में गंभीर नहीं दिख रही सुप्रीम कोर्ट: भाजपा नेता
नई दिल्ली, भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट काशी विश्वनाथ मंदिर को आजाद कराने में गंभीर नहीं दिख रही। उन्होंने खुद के द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के लिए अगले महीने की तारीख देने पर यह बात कही।
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग ज्ञानवापी मंदिर को मुक्त कराने की राह में बाधाएं
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने एक ट्वीट में लिखा, “सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से संकेत मिला है कि काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग ज्ञानवापी मंदिर को मुक्त कराने की राह में बाधाएं हैं। यानी पूजा स्थल अधिनियम 1991, जिसे मैंने एक रिट याचिका में चुनौती दी थी, उसे अगले महीने 8 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।”
सुब्रमण्यम स्वामी के इस ट्वीट पर ट्विटर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी
बता दें कि भाजपा नेता का कहना है कि काशी विश्वनाथ मंदिर को मुक्त कराने के लिए कोर्ट ने अगले महीने की तारीख दी है, ऐसे में नहीं लग रहा कि वो इस मामले में संजीदा है। सुब्रमण्यम स्वामी के इस ट्वीट पर ट्विटर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा, “आप सिर्फ मंदिर मस्जिदों के लिए लड़ रहे हो, आम लोगों की समस्याओं का क्या होगा?”
BJP पदाधिकारी क्रेडिट छीन कर अपना योगदान दिखा देते हैं- सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी को घेरा, राम मंदिर का दिया उदाहरण
एक अन्य ने लिखा, “आप धन्य हैं महोदय, आप जैसा नेक दिल वाला नेता ही ऐसा कर सकता है सर। आप आगे बढ़िए सर। राष्ट्र सदैव आपका ऋणी रहेगा।”
सुब्रमण्यम स्वामी इससे पहले भी काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर ट्वीट करते रहे हैं। इससे पहले उन्होंने मांग की थी कि ज्ञानवापी मस्जिद में मूर्तियों के मिलने के बाद बेहतर यह है कि मस्जिद को कहीं और शिफ्ट किया जाए और ज्ञानी वापी विश्वनाथ मंदिर अपने प्राचीन स्थल पर बहाल हो।
बीजेपी के नेता बिना कुछ किए श्रेय लेने की कोशिश करते हैं
अपनी ही सरकार पर सख्त तेवर रखने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बीते दिनों कहा था कि बीजेपी के नेता बिना कुछ किए श्रेय लेने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार से जुड़े नेशनल हेराल्ड केस, राम मंदिर मामला या फिर राम सेतु का मामला हो, इन सभी मामलों में भाजपा नेताओं ने पूरा श्रेय लेने की कोशिश की। जैसे कि इन लोगों ने ही इन केसों को अंजाम तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि पार्टी के घोषणा पत्र को लागू करने के लिए ये लोग कोई काम नहीं करते लेकिन दूसरों के कामों को अपना बताते हैं।