1 जून से बदल जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का नियम, RTO के चक्कर लगाने से मिलेगी मुक्ति, जानिए क्या होगा फायदा
नई दिल्ली। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में आने वाली परेशानियों को देखते हुए भारत सरकार ने लाइसेंस बनवाने के नियम में कई परिवर्तन किए हैं। नए नियम 1 जून 2024 से लागू हो जाएंगे, जिसकी जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से दी गई है। मंत्रालय की ओर से नए नियमों को आसान बनाया गया है, जिससे देशभर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों को काफी राहत मिलेगी।
ट्रैफिक चालान में भी होगा बदलाव
सरकार ट्रैफिक नियम तोड़ने पर लगाए जाने वाले फाइन को भी अपडेट करेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक ओवर स्पीडिंग के लिए 1000 से 2000 रुपये तक का चालान काटा जा सकता है। यदि 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को ड्राइविंग करते पकड़ा गया तो 25 हजार रुपये तक का चालान कट सकता है। इसके अलावा उस वाहन के मालिक का ड्राइविंग लाइसेंस भी कैंसिल किया जा सकता है। इतना ही नहीं उस नाबालिग को 25 साल की उम्र पूरा होने तक ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा।
ड्राइविंग स्कूल से ही मिल जाएगा लाइसेंस
नए नियमों के अनुसार अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पडेंगे। सरकार ने अब उन संस्थानों को भी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जो ड्राइविंग सिखाते हैं। अब आरटीओ ऑफिस जाकर टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी, ड्राइविंग स्कूल से ही अपना ड्राइविंग लाइसेंस ले पाएगा।
ड्राइविंग लाइसेंस कई तरह के होते हैं
हमारे देश में आमतौर पर सबसे ज्यादा निजी कार और दो पहिया वाहन चलाने के लिए लाइसेंस बनवाया जाता है। इसके अलावा कमर्शियल वाहन चलाने और दूसरे देशों में वाहन चलाने के लिए इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट भी बनवाया जाता है।
तीन साल के लिए बनता है कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस
कमर्शियल वाहनों को चलाने के लिए अलग लाइसेंस की जरूरत होती है। इनमें हैवी मोटर व्हीकल, मीडियम मोटर व्हीकल और लाइट गुड्स ट्रांसपोर्ट मोटर व्हीकल शामिल होते हैं। इसके लिए व्यक्ति कम से कम आठवीं पास और 18 से 22 साल की उम्र का होना चाहिए। इस तरह के लाइसेंस को तीन साल के लिए ही बनाया जाता है।
एक साल के लिए जारी होता है इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट
जिसके पास निजी वाहन चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस है तो वह अपने लिए इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट भी बनवा सकता है। लेकिन इसे सिर्फ वही व्यक्ति बनवा सकता है, जो विदेश में जाकर कुछ समय के लिए वाहन चलाए। इसे एक साल तक के लिए जारी किया जाता है और इसे अन्य तरह के लाइसेंस की तरह दोबारा से रिन्यू नहीं करवाया जा सकता।
ड्राइविंग लाइसेंस न होने के नुकसान
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर कई तरह के नुकसान होते हैं। 18 साल और ज्यादा की उम्र वाले व्यक्ति को बिना लाइसेंस वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर ट्रैफिक पुलिस की ओर से मोटर व्हीकल एक्टर की धारा 3/181 का उल्लंघन समझा जाता है। इसके अलावा अगर वाहन चलाते हुए हादसा हो जाए और व्यक्ति के पास ड्राइविंग लाइसेंस न हो तो इंश्योरेंस कंपनी की ओर से क्लेम देने से मना किया जा सकता है।