भाजपा के गढ़ को फतह करने कांग्रेस लगाएगी कुर्मी पर दांव

भाजपा के गढ़ को फतह करने कांग्रेस लगाएगी कुर्मी पर दांव
भोपाल। विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस की नजर लोकसभा चुनाव पर है। पार्टी की प्राथमिकता में वह सीटों बताई जाती है, जहां पर भाजपा या दूसरे दलों से कांग्रेस लगातार हार रही है। इसमें विंध्य क्षेत्र में आने वाली वह रीवा सीट भी शामिल है, जहां वर्ष 2004 के बाद कांग्रेस का कोई सांसद नहीं बन पाया। लिहाजा 2019 में हो रहे आम चुनाव की तैयारियों को देखते हुए अनुमान जताया जा रहा है कि सोशल इंजीनियरिंग के तहत संगठन कुर्मी वर्ग पर यहां दांव खेल सकता है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस द्वारा की गई रायसुमारी व संगठन के पदाधिकारियों से लिए गए फीडबैक के आधार पर ही पार्टी इस विषय पर विमर्श कर रही है। वजह यह भी कि कुर्मी मतदाताओं को ही यहां बसपा की रीढ़ माना जाता है। पार्टी के रणनीतिकारों को आशंका है कि यदि इन चुनावों में किसी दूसरे समाज के व्यक्ति को चेहरा बनाया जाता है, तो एक बार फिर पिछड़े वर्ग में शामिल कुर्मी समाज का वोट बसपा में ट्रांसर्फर हो सकता है। जबकि केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले से नाराज अन्य वर्ग के मतदाता भाजपा के विरोध में वोट करेंगे। ऐसे में कांग्रेस को इसलिए भी उम्मीद दिखाई देती है, क्योंकि सजातीय उम्मीदवार के कारण कुर्मी वोटर जहां कांग्रेस पर विश्वास करने से नहीं चूकेगा वहीं दूसरी तरफ बसपा का हाथी भी औंधे मुंह चित्त हो जाएगा। राजमणि के साथ दावेदारों में मनीष का भी नाम मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा लोकसभावार शुरू की गई समीक्षा को देखते हुए माना जा रहा है कि 21 तक नामों का पैनल पार्टी आलाकमान तक पहुंच जाएगा। जातीय समीकरण के हिसाब से इस सूची में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल के साथ ही युवा समाजसेवी व कांग्रेस के प्रदेश सचिव मनीष पटेल का नाम तय माना जा रहा है। इनमें से एक मनीष पटेल से दावेदारी के बारे में जब बात की गई तो उनका कहना था कि हमने अपनी मंशा पार्टी को जाहिर कर दी है पार्टी जो भी आदेश करेगी उसका पालन करूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी में युवाओं को सामने लाना चाहिए, जो जरूरी भी है। वैसे लोगों का मानना है कि राजमणि पटेल राज्यसभा सदस्य होने के नाते दावेदारी में कमजोर साबित होंगे। देंगे भाजपा के गणेश को टक्कर पटेल उम्मीदवार उतारने के पीछे सतना से भाजपा सांसद गणेश सिंह की रीवा से चुनाव लड़ने की अटकले भी मानी जा रही है। बताया जाता है कि भाजपा इस बार गणेश को सतना से टिकट देने के मूड़ में नहीं है। ऐसे में उनके सामने रीवा सीट का विकल्प रखा जा सकता है। क्योंकि रीवा सांसद जर्नादन मिश्रा का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है।