निगम का खजाना खाली, विकास कार्यो पर लगा विराम

awdhesh dandotia मुरैना। एक ओर प्रदेश सरकार की तमाम योजनाऐं तेजी के साथ क्रियान्वित करने के लिये प्रशासन निरंतर प्रयासरत है साथ ही आगामी चुनाव की आगाज को ध्यान में रखते हुये शहर विकास की गति भी तेज की गयी किन्तु इसे जनता का दुर्भाग्य मानिये या विना रणनीति के तैयारी। ज्यो ही शहर विकास के लिये बड़े कार्यो को धरातल पर आरंभ किया गया वैसे ही निगम का खजाना तीव्र गति से खाली हो गया। वर्तमान समय में निगम खाली खजाने से विकास कार्यो को अंजाम देना चाहता है कि जबकि निर्माण ऐजेंसी व ठेकेदार किसी भी प्रकार का जोखिम नही लेना चाहते हैं। इस सबके चलते फिलहाल विकास कार्यो पर भी विराम लग गया है और शहर में संचालित कई बड़ी योजनाओं के कार्य अधर में लटक गये हैं। Corporation's Treasury Vacant, Pause on Development Worksकुछ महीने बाद ही प्रदेश भर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पिछले 4 वर्षो से कुंभकर्णीय नींद में सोई प्रदेश सरकार अब जाग गयी है और तेजी से जनता को विकास दिखाना चाहती है। इस चाह के चलते नगर निगम सीमा क्षेत्र में कई बड़े विकास कार्यो की पूर्व नियोजित रूपरेखा को धरातल पर लाया गया और शहर में वर्षो से विकास की बाट जोहता नाला नं. 1 का पुन: निर्माण आरंभ किया गया। इस कार्य को विस्तृत करने के लिये नाला नं. 1 से सटे हुये घरों से अतिक्रमण भी हटाया गया और उसमें काफी तेजी दिखाई गयी किन्तु यह तेजी अब कुछए की चाल में बदल गयी है उसकी बजह निगम का खजाना है जो पूर्ण रूप से खाली पड़ा है। इसी क्रम में शहर में पिछले 3 वर्षो से सीवेज का कार्य भी चल रहा था, अब नगर भर की खुदी सड़कों को पुन: बनाना निगम के लिये काफी मुश्किल हो रहा है क्यो कि बिना धन के कोई भी ठेकेदार जोखिम नही लेना चाहता है। ठेकेदारों को यह डर सता रहा है कि यदि चुनाव से पूर्व उनका भुगतान नही किया गया तो आगामी सत्ता परिवर्तन के बाद उन्हें भुगतान के लिये काफी मुश्किलें हो सकती हैं। अब निगम खाली खजाने से कैसे प्रदेश के आकाओं को खुश करेगा यह एक सोचनीय विषय है? लंबित पड़े है कई भुगतान मार्च 2018 के बाद से ही निगम पर धन का संकट छा गया है जिस बजह से कई ठेकेदारों के भुगतान निगम की अकाउंट शाखा में लंबित है। स्थित यह है कि निगम में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन भी समय पर नही मिल पा रहा है। साथ ही कई ठेकेदार भुगतान के लिये निगम के चक्कर काट रहे हैं वहीं शहर भर में सफाई कार्य को करने वाले कर्मचारी भी निगम को अल्टीमेटम दे चुके है कि उन्हें समय पर वेतन दिया किन्तु खाली खजाने से निगम सभी संतुष्ट करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है।