Fake न्यूज़ का खेल ऐसे खत्म करने जा रहा है Facebook

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बढ़ते फेक न्यूज़ के दायरे को रोकने के लिए कई प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। हालांकि अभी तक फेक न्यूज़ पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। कई सोशल मीडिया कंपनी दावा कर रही है कि हम इस विषय पर गंभीरता से काम कर रहे हैं और आने वाले दिनों में इसका प्रभाव भी देखने को मिलेगा।

अब साइट फेसबुक को ही ले लीजिये, जिसके लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, इस सोशल साइट ने फर्जी खबरों एवं झूठी सूचनाओं को हटाने का काम शुरू कर दिया है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में फेसबुक पर प्रसारित झूठी और भ्रामक सामग्री के कारण हिंसा फैलने के बाद हो रही आलोचनाओं को देखते हुए सोशल साइट ने यह कदम उठाया है। अब देखना यह होगा कि धरातल पर यह पहल कितनी कारगर साबित होती है।

रिपोर्ट्स की माने तो फेसबुक ने फर्जी ख़बरों और झूठी सूचनाओं को रोकने के लिए अपने गोपनीयता और नीतियों में कुछ बदलाव किया है। पिछले दिनों फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा था कि वो अपने प्लेटफॉर्म से फेक न्यूज को नहीं हटा सकते हैं, लेकिन अगर कोई पोस्ट फेक न्यूज की तरह दिखाई देती है तो उसे न्यूज फीड में नीचे कर दिया जाएगा। फेक न्यूज कंपनी के 'कम्युनिटी स्टैंडर्ड' का उल्लंघन नहीं करती हैं। इसके बाद फेसबुक की ओर से सफाई में कहा गया कि फेक न्यूज को दरकिनार करना अपराध होगा।

फेसबुक अभी सिर्फ उन कंटेंट पर रोक लगाता है, जिनमें सीधे तौर पर हिंसा की अपील की जाती है. हालांकि, नए नियमों में उन फर्जी खबरों और तस्वीरों पर रोक लगाई जाएगी, जिनसे हिंसा भड़क सकती है। फेसबुक पर आरोप है कि वह भारत समेत श्रीलंका और म्यांमार में हिंसा भड़काने में मददगार रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेसबुक के प्रवक्ता ने बताया कि अफवाह कई तरह से हिंसा के लिए जिम्मेदार है। अभी भड़काऊ पोस्ट पर रोक लगाई गई है। हम अपनी नीतियों में बदलाव कर रहे हैं, ताकि फर्जी खबरों को रोक सकें। इसे जल्द लागू किया जाएगा. वहीं, फर्जी खबरों की पहचान को स्थानीय संगठनों से मदद ली जाएगी।

गौरतलब है कि भारत में फेसबुक की मैसेजिंग सर्विस वॉट्सएप पर अफवाह और फेक न्यूज के चलते कई लोगों की पीट-पीटकर हत्या की जा चुकी है। पिछले दिनों भारत सरकार ने इस मुद्दे पर कंपनी से जवाब भी मांगा था।