डीपीसी शिरोमणि दुबे को अंतत: मिली स्वैच्छिक सेवानिवृति

डीपीसी शिरोमणि दुबे को अंतत: मिली स्वैच्छिक सेवानिवृति
khemraj morya शिवपुरी। विवाद और सुर्खियों में रहने वाले डीपीसी शिरोमणि दुबे का स्वैच्छिक सेवानिवृति का आवेदन अंतत: राज्य शासन ने स्वीकार कर लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव केके द्विवेदी ने डीपीसी के आवेदन को स्वीकार करते हुए उन्हें 31 जनवरी 2019 से स्वैच्छिक सेवानिवृति दे दी है और आदेश पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। डीपीसी दुबे ने तत्कालीन कलेक्टर शिल्पा गुप्ता को स्वैच्छिक सेवानिवृति का आवेदन दिया था। डीपीसी शिरोमणि दुबे की एक दबंग अधिकारी के रूप में पहचान थी। भाजपा शासन काल में सत्ता के गलियारे में उनकी ऊंची पहुंच थी। जिसके कारण वह काफी लम्बे समय तक शिवपुरी में पदस्थ रहे और मंत्री द्वारा स्थानांतरण करने के बाद भी पुन: वह शिवपुरी में लौट आए। लेकिन तत्कालीन कलेक्टर शिल्पा गुप्ता से उनकी नहीं पटी और स्कूली बच्चों को प्रदाय किए जाने वाली ड्रेस घोटाले को उजागर करने में उनकी अहम भूमिका रही। जिसके कारण कलेक्टर गुप्ता से उनका विवाद हुआ। जिसके फलस्वरूप डीपीसी दुबे ने स्वैच्छिक सेवानिवृति का आवेदन तत्कालीन कलेक्टर शिल्पा गुप्ता को दिया। इसी बीच प्रदेश में सरकार बदल गई और कांगे्रस सत्ता में आ गई। जिसके फलस्वरूप राज्य शासन ने उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृति का आवेदन स्वीकार कर लिया। कोलारस उपचुनाव में भी कांग्रेस ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला था और चुनाव आयोग ने डीपीसी दुबे को हटा दिया था। लेकिन आचार संहिता समाप्त होने के बाद वह पुन: शिवपुरी आ गए थे। प्रदेश सरकार के उपसचिव दुबे ने 11 जनवरी 2019 को उनके स्वैच्छिक सेवानिवृति आवेदन को स्वीकार करते हुए उस पर हस्ताक्षर कर दिए और 31 जनवरी 2019 से डीपीसी दुबे सेवानिवृत हो जाएंगे।