Google ने डूडल बनाकर Baba Amte को दी श्रद्धांजलि

Google ने डूडल बनाकर Baba Amte को दी श्रद्धांजलि

 
नई दिल्ली 

Google ने आज समाजसेवी बाबा आमटे की 104वीं जयंती पर डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। बाबा आमटे का जन्म 26 दिसम्बर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले में हुआ था। गूगल ने अपने डूडल में बाबा आमटे की ऐनिमेटेड तस्वीरों का एक स्लाइडशो बनाया है। इस स्लाइडशो में दिखाया गया है कि कैसे बाबा आमटे ने समाज की मदद की थी। बाबा आमटे का असली नाम डॉ॰ मुरलीधर देवीदास आमटे था, लेकिन उनके काम और समाज के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए उन्हें लोग बाबा आमटे के नाम के बुलाने लगे। 

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बाबा आमटे ने अपने जीवन काल में कुष्ठ रोगियों के उत्थान के लिए काफी काम किया। उन्होंने इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए कई आश्रमों और समुदायों की स्थापना की। इसके अलावा बाबा आमटे और भी कई सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे। इनमें वन्य जीवन संरक्षण और नर्मदा बचाओ आंदोलन मुख्य है। इतना ही नहीं साल 1985 में उन्होंने कशमीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो आंदोलन भी चलाया था। इस आंदोलन को चलाने के पीछे उनका मकसद देश में एकता की भावना को बढ़ावा देना और पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक करना था। 

 बाबा आमटे की प्रारंभिक शिक्षा नागपुर के इसाई मिशनरी स्कूल में हुई। स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद बाबा आमटे ने नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। कई दिनों तक वकालत के पेशे से जुड़े रहने के बाद बाबा आमटे समाज में सुधार लाने के की दिशा में काम करने लगे। बाबा आमटे महात्मा गांधी और विनोबा भावे से काफी प्रभावित थे और इसी के चलते उन्होंने देश के कई अलग-अलग गांवों का दौरा किया और लोगों की असल समस्याओं को समझा। इसके साथ ही बाबा आमटे भारत की आजादी की लड़ाई में भी काफी सक्रिय थे और उन्हें अमर शहीद राजगुरु का काफी करीबी दोस्त माना जाता है। 

बाबा आमटे को उनके कार्यों के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें मानवाधिकार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए युनाइटेड नेशन्स अवॉर्ड भी दिया गया और 1999 में गांधी पीस अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया। 9 फरवरी 2008 को बाबा आमटे का 94 साल की आयु में निधन हो गया।