IDBI ने स्वीकारा LIC का प्रस्ताव, डील पर अब सरकार से मांगी मंजूरी
नई दिल्ली
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के ऑफर को मंजूरी देने के बाद आईडीबीआई बैंक ने अब सरकार से इस डील पर सरकार से जरूरी निर्देश मांगे हैं. इससे पहले बैंक के बोर्ड ने एलआईसी द्वारा 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश को मंजूरी दे दी थी. अब सरकार के दिशा-निर्देशों के बाद यह डील फाइनल होने की संभावना है.
बैंक के निदेशक मंडल की मंगलवार को मुंबई में हुई बैठक के बाद बैंक ने कहा कि उसे एलआईसी से कल (सोमवार) एक पत्र प्राप्त हुआ है. उसमें बीमा कंपनी ने प्रवर्तक के तौर पर आईडीबीआई बैंक में तरजीही शेयर आवंटन/ खुली पेशकश या दोनों के जरिये हिस्सेदारी बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने में रूचि दिखाई है. एलआईसी के प्रस्ताव पर आगे के कदम के बारे में सरकार से निर्देश प्राप्त करने का फैसला किया गया है.
बता दें कि आईडीबीआई बैंक भारी कर्ज झेल रहा है. जिससे उसकी स्थिति बेहद खराब है. बैंक गैर निष्पादित संपत्ति (NPA) के बोझ तले दबा है. मार्च तिमाही तक इसका एनपीए 55,600 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था. इस डील से बैंक को खुद को एनपीए के दबाव से बाहर निकलने के लिए जरूरी पूंजी मिल जाएगी.
बैंक के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी बी श्रीराम ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद कहा, 'बैठक में एलआईसी के प्रस्ताव पर आगे के कदम के बारे में सरकार से जरूरी निर्देश प्राप्त करने का फैसला किया गया.'
अभी है इतनी हिस्सेदारी
बता दें कि एलआईसी की वर्तमान में आईडीबीआई बैंक में 7.98 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि 31 मार्च 2018 को यह हिस्सेदारी 10.82 प्रतिशत पर थी. सरकार की तरफ से इक्विटी पूंजी डाले जाने से हिस्सेदारी बढ़कर 86 प्रतिशत पर पहुंच गई. शेष हिस्सेदारी अन्य के पास है.
अब क्या होगा
इस संबंध में बैंक प्रस्ताव पहले ही सरकार को भेज चुका है. सरकार से मंजूरी मिलने के बाद अंतिम मंजूरी के लिए इसे फिर से बैंक के निदेशक मंडल के समक्ष रखा जाएगा. उसके बाद बैंक को रिजर्व बैंक और सेबी से सौदे की मंजूरी लेनी होगी. सौदे को मंजूरी के बाद एलआईसी को प्रबंधन नियंत्रण मिलेगा और आईडीबीआई बैंक, एलआईसी का हिस्सा हो जाएगी.
मौजूदा नियमों के मुताबिक कोई भी बीमा कंपनी किसी भी सूचीबद्ध वित्तीय फर्म में 15 प्रतिशत से अधिक इक्विटी का अधिग्रहण नहीं कर सकती है.