लोकतंत्र में लोक ही नहीं रहेगा तो तंत्र का कोई मतलब नहीं: तेजस्वी 

लोकतंत्र में लोक ही नहीं रहेगा तो तंत्र का कोई मतलब नहीं: तेजस्वी 

लाशों की ढेर पर हम बिहार में चुनाव नहीं होने देंगे: तेजस्वी 

मधुबनी, राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कोरोना काल में चुनाव न कराने की लगातार अपील कर रहे हैं। बुधवार को वो उत्तर बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे थे। मधुबनी में उन्होंने कहा कि लाशों की ढेर पर हम चुनाव नहीं होने देंगे। लोकतंत्र में लोक ही नहीं रहेगा तो तंत्र का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। बिहार विधानसभा में नेपा प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत अन्य विपभी दलों के नेताओं ने इससे पहले चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चुनाव को टालने की अपील की थी। इस साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि अभी तक इसको लेकर चुनाव आयोग की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। बुधवार को तेजस्वी यादव मधुबनी में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे थे। यहां पर न्यूज एसेंजी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की स्थिति भयावह और नाजुक है। गांव के गांव बाढ़ से त्रस्त हैं। हम चुनाव आयोग से निवेदन करते हैं कि वो इसपर विचार करे। तेजस्वी ने कहा कि लोग मर रहे हैं। ऐसे में वो वोट करने कैसे जा पाएंगे। तेजस्वी ने कहा, 'हमारी पहली प्राथमिकता है जान बचाना, क्योंकि जान है तो जहान है। लोकतंत्र में लोक नहीं रहेगा तो तंत्र का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। आप चाहते हो कि लोग वोट करने आएं और सीधे श्मशान घाट जाएं। लाशों की ढेर पर हम चुनाव नहीं होने देंगे। बाढ़ के कारण जो फिलहाल हालात हैं, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग तो छोड़ दीजिए, लोगों को जान बचाने में मुश्किल आ रही है।' 'नीतीश की अंतरात्मा बंगाल की खाड़ी में डूब रही है' इस दौरान तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'बिहार बाढ़ में डूब गया और नीतीश जी के आंख के आंसू सूख गए। नीतीश जी यहां नहीं आएंगे लेकिन 7 तारीख को अपनी कुर्सी बचाने के लिए वर्चुअल रैली अटेंड करेंगे। नीतीश कुमार जी की इंसानियत खत्म हो गई है और अंतरात्मा बंगाल की खाड़ी में डूब रही है।' मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगने के सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि अगर उनमें थोड़ी भी शर्म बची होती तो वो (नीतीश कुमार) अब तक इस्तीफा दे दिए होते।