वन्य प्राणियों की सुरक्षा के साथ पेड़ों की अवैध कटाई व अन्य वन्य अपराधों पर रोक लगाने के लिए कार्ययोजना तैयार
अभ्यारण्य क्षेत्र में तैयार होगा कम्प्यूटरीकृत निगरानी तंत्र
anil dubey
सागर। प्रदेश के सबसे बडे वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र नौरादेही में वन्य प्राणियों की सुरक्षा के साथ-साथ जंगल की कटाई रोकने के लिए वन्य अभ्यारण्य प्रकाशन के द्वारा हाईटेक टेक्नालाजी का उपयोग शुरू किया जा रहा है। जिसके तहत सर्वप्रथम ड्रोन कैमरों से पूरे अभ्यारण्य क्ष्ोत्र की निगरानी की जाएगी। 1,197 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले नौरादेही वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र 3 जिलों में फैला हुआ है। सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों के बीच फैले नौरादेही वन्य अभ्यारण्य में बांधवगढ़ और कान्हा केसली टाईगर रिजर्व क्षेत्र से लाए गए 2 टाईगरों की निगरानी के साथ अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा ड्रोन कैमरों से सुनिश्चित की जाएगी। नौरादेही वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र को आधुनिक तरीके से विस्तार देने एवं उसमें वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा सर्वप्रथम निगरानी तंत्र को विकसित किया जा रहा है। जिससे वन्य प्राणियों के शिकार की घटना के साथ-साथ पेड़ों की अवैध कटाई रोकी जा सके।

6 वन परिक्षेत्रों से घिरे नौरादेही वन्य अभ्यारण्य में टाईगर के अलावा भालू, हिरण, सांभर, खरगोश, नीलगाय, सियार, लकड़बग्गा, तेंदुआ सहित अनेक वन्य प्राणी मौजूद है। जिनकी ठीक तरीके से रखवाली करने अब ड्रोन कैमरों का सहारा लिया जाएगा। शुरूआत में नौरादेही अभ्यारण्य में 4 ड्रोन कैमरों से निगरानी होगी। इसके लिए विभाग द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी आलोक कुमार को इस संबंध में कार्ययोजना तैयार कर भेज दी गई है। जिसकी शीघ्र स्वीकृति मिलने की संभावना अधिकारी लगा रहे है। बताया गया है कि अभ्यारण्य क्षेत्र में अभी चिह्नित मार्गों पर ही सीसीटीव्ही कैमरे लगाए गए है। जिनसे निगरानी हो रही है। इसके अलावा जो बीट गार्ड सुरक्षा ड्यूटी में है उनसे मोबाईल एप से लोकेशन ट्रेस कर सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
ड्रोन कैमरों की व्यवस्था हो जाने के बाद नौरादेही वन्य क्ष्ोत्र में आसमान से अपराधियों पर निगरानी रखी जा सकेगी और उन्हें पकड़ने के लिए शीघ्र अमला भी भेजा जा सकेगा।
10-12 लाख रूपए तक होंगे खर्च
नौरादेही अभ्यारण्य क्षेत्र की सुरक्षा को चाक-चौबंद बनाने के लिए तैयार की गई कार्य योजना में आधुनिक टैक्नालाजी पर जोर दिया जा रहा है और जिसके प्रथम चरण में अभ्यारण्य क्षेत्र में सीसीटीव्ही कैमरे लगाए गए है तो दूसरे चरण में ड्रोन कैमरे तैनात किए जाने की योजना तैयार की गई है। सूत्रों द्वारा बताया गया है कि 4 ड्रोन कैमरे का प्रस्ताव भेजा गया है। 1 ड्रोन की कीमत ढाई से 3 लाख तक की होती है। इस तरह 4 ड्रोन कैमरों के लिए 10-12 लाख रूपए तक के बजट की जरूरत होगी। अब यह निर्णय विभाग को लेना है कि वह कितनी देर एवं दूरी तक चलने वाले ड्रोन की खरीदी करता है। यह भी बताया गया है कि 1 ड्रोन 4-5 किमी दूर तक की निगरानी आसानी से कर लेता है। कीमत में अंतर बैटरी की क्षमता के आधार पर आता है। इसी को लेकर विभाग द्वारा विशेषज्ञों से राय ली जा रही है।
इनका कहना है
नौरादेही वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र में ड्रोन कैमरों की व्यवस्था कराने के संबंध में प्रस्ताव भेजा गया है। शुरूआत में 4 ड्रोन कैमरों की मांग की गई है। जिसकी जल्द ही स्वीकृति मिलने की संभावना है। ड्रोन कैमरा आ जाने के बाद नौरादेही अभ्यारण्य की निगरानी में आसानी होगी।
डा. अंकुर अवधिया वन मंडल अधिकारी नौरादेही अभ्यारण्य