भोपाल, स्वाधीनता के रणबाकुरों की पहचान करने पर अब राज्य सरकार प्रदेश के नागरिकों को पुरस्कार देगी। स्वतंत्रता दिवस पर संस्कृति विभाग इसी तरह की कई प्रतियोगिताएं करने जा रहा है। स्वाधीनता संग्राम के रणबाकुरों के चित्रों को पहचानने के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी इसमें पहला पुरस्कार पांच हजार रुपए दूसरा पुरस्कार तीन हजार रुपए और तीसरा पुरस्कार एक हजार रुपए का दिया जाएगा। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य युवाओं, विद्यार्थियों और बच्चों में स्वाधीनता संग्राम के प्रति जागरुकता उत्पन्न करना है। मध्यप्रदेश के सभी कक्षा नौवीं से बारहवीं और स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर के महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए स्वराज संस्थान संचालनालय संस्कृति विभाग द्वारा यह फोटो क्विज आयोजित की जाएगी।
प्रतियोगिता में महाविद्यालयीन और विद्यालयीन छात्र-छात्राओं के लिए कुल 16 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इस प्रतियोगिता में विजयी रहने वालों को पुरस्कार राशि के साथ प्रमाणपत्र, स्वाधीनता संग्राम पर केन्द्रित पुस्तकें और देशभक्ति गीतों की आडियो सीडी भी प्रदान की जाएगी। देशभक्तिपूर्ण पूर्ण मौलिक कविता लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा। इसमें दस हजार का पहला, पांच हजार का दूसरा और तीन हजार रुपए का तीसरा पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा संगीतमयी प्रस्तुति के लिए भी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसमें एकल और समूह स्वर में देशभक्तिपूर्ण रचना की संगीतमयी प्रस्तुति के लिए 50 हजार रुपए का प्रथम, 25 हजार रुपए का द्वितीय और दस हजार रुपए का तृतीय पुरस्कार दिया जाएगा। इस प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 1947 से पूर्व की देशभक्तिपूर्ण रचना अथवा स्वयं की मौलिक रचना की एकल और समूह स्वर में संगीतमय प्रस्तुति की प्रतियोगिता होगी।
इस प्रतियोगिता में 35 वर्ष तक की आयु के मध्यप्रदेश के निवासी भाग ले सकेंगे। उन्हें पंद्रह अगस्त तक अपनी प्रविष्ठी यूटयूब और फेस बुक पर शेयर करने के साथ उसकी लिंक एमपी डाट मायगाव डाट इन पर सबमिट करना है।
रणबाकुरों की पहचान, देशभक्तिपूर्ण मौलिक कविता लेखन प्रतियोगिता और संगीतमयी प्रस्तुति की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 15 अगस्त तक भाग लिया जा सकता है।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए स्वास्थ्य व शिक्षा पर भी जनता से सुझाव आमंत्रित किए गए है। इसमें स्वास्थ्य, कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा,उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा पर दस अगस्त तक सुझाव मांगे गए है।