एमपी में EVM विवाद ने पकड़ा तूल, नायब तहसीलदार सस्पेंड, CEO की सफाई

एमपी में EVM विवाद ने पकड़ा तूल, नायब तहसीलदार सस्पेंड, CEO की सफाई

सागर 
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में EVM का मामला बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में सागर के नायब तहसीलदार राजेश मेहरा को लापरवाही के आरोप के चलते निलंबित कर दिया गया है. आरोप है कि सागर जिले के खुरई निर्वाचन क्षेत्र में रिजर्व में रखी गई EVM मशीनों को सागर करीब 48 घंटे बाद पहुंचाया गया.

पूरे मामले में मध्य प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) कांता राव ने भी सफाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया, 'मतदाता बेफिक्र रहें. सभी EVM सेफ, सिक्योर और सील हैं.'

दरअसल, इन मशीनों को जिन बसों के जरिए पहुंचाया गया, वे बस बिना नंबर की थी. मतदान खत्म होने के 48 घंटे बाद पहुंची इन मशीनों की जानकारी मिलते ही सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसियों ने जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर सागर के कार्यालय की घेराबंदी कर ली थी. बिना नंबर के जिस वाहन में यह ईवीएम मशीनें पहुंची हैं, उसके लिए कोई भी जिम्मेदार अधिकारी साफ-साफ जवाब नहीं दे पाया था. इसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने यह कदम उठाया.

बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 28 नवंबर को समाप्त हो चुकी है. इसके बाद यहां ईवीएम की सुरक्षा को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया. भोपाल सहित कई जिलों में कांग्रेस ने ईवीएम को लेकर बीजेपी पर सवाल उठाए हैं. वहीं, यह भी आरोप हैं कि भोपाल में ईवीएम स्ट्रांग रूम में जो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, वो करीब एक घंटे के लिए खराब हो गए थे.

बताया जा रहा है कि बिजली नहीं होने के कारण वहां पर करीब एक घंटे के लिए कैमरे ने काम करना बंद कर दिया था. लेकिन, कांग्रेसियों का आरोप है कि ऐसा जानबूझकर किया गया. स्ट्रांग रूम की लाइट साजिश के तहत बंद हुई.

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी EVM में छेड़छाड़ की आशंका जताई थी. इतना ही नहीं, उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कड़ी नज़र रखने की गुजारिश भी की. इसके बाद सभी कांग्रेस कार्यकर्ता भारी संख्या में भोपाल के स्ट्रांग रूम पर पहरा दे रहे हैं. प्रदेश में बीते 28 नवंबर को चुनाव हुए थे, नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे.