महिलाओं ने लगाए कई गंभीर आरोप
asish malviya
अशोकनगर। मतदान के एक दिन बाद ही सपाक्स की फ ूटन सामने आने लगी है, तमाम गंभीर आरोपों के साथ जिले की सभी सपाक्स की महिला विंग की पदाधिकारियों ने पार्टी और संगठन से सामूहिक रूप से इस्तीफ ा दे दिया है। महिलाओं ने गुरुवार को पत्रकारों से मुखातिब होकर अपना इस्तीफ ा जाहिर किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमने सपाक्स का शून्य मान लिया है। इसलिए हमने हमारा इस्तीफा मीडिया के समक्ष सौंप दिया है। अब हमारा सपाक्स से कोई लेना देना नहीं है, अब हम स्वतंत्र रूप से कार्य करेंगे।

इस दौरान उन्होंने अपनी बात पत्रकारों से साझा करते हुए कहा कि सपाक्स जिन उद्देश्यों को लेकर शुरु हुई वे उद्देश्य शून्य हो गए है। संगठन में महिलाओं के सम्मान का ध्यान नही रखा गया है आहत होकर हमने न तो चुनाव में किसी तरह का हिस्सा लिया है और न ही मतदान किया है।
महिलाओं का नहीं रखा सम्मान:- प्रेसवार्ता के दौरान सपाक्स पार्टी की महिलाओं ने दुखी मन से कहा कि एक महिला का मान सम्मान उसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी होताए जो कि पार्टी के जिला संयोजक राजेंद्र तिवारी द्वारा नहीं रखा गया। उन्होंने बताया कि श्रीमति मनीषा रघुवंशी जो पार्टी की संयोजक थी, उन्हें उनके पद से हटाकर बिना किसी जानकारी के या बिना किसी चर्चा के पद से हटा दिया गया और जो ज्योति रघुवंशी है ये संगठन की अध्यक्ष थी इनके बिना जानकारी के संगठन से इस्तीफ ा दिलाए बिना पार्टी के संयोजक पद पर रख दिया गया। जो कि गलत है।
लगाए कई गंभीर आरोप:- पत्रकार वार्ता के दौरान महिला इकाई की जिलाध्यक्ष कमल भूल्लर सहित ज्योति रघुवंशी, आरती रघुवंशी, रेशू शर्मा और अन्य महिलाओं ने कई गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि हमारे इस्तीफे के पीछे कई कारण है। जिसमें वित्तीय अनियतिता सहित टिकिट वितरण में अनदेखी और पदो की बंदरबाट और बिना पूछे या बिना सलाह मश्वरा किये महिला की इक्छा के विरूद्ध जिम्मेदारी सौंपना कारण है। उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा शुरुआत में जो जिम्मेदारियां या पद सौंपे गए थे, उन पर जिला संयोजक द्वारा मनमानी करते हुए अपनी मजी के हिसाब से जिम्मेदारियों में फेरबदल किया गया है और इस मामलें में न तो रजामंदी ली गई और न ही किसी प्रकार की चर्चा की गई। वहीं जो महिला संगठन में काम करना चाहती थी, उन्हें पार्टी में शामिल किया गया है। जबकि शुरुआत में साफ तौर स्पष्ट किया गया था जो भी सदस्य पार्टी में शामिल होगा। उसे संगठन के पद से इस्तीफ ा देना होगा, लेकिन ये सभी नियम कायदे सिर्फ कहने का रहे।
उद्देश्यों से भटकी सपाक्स:- इस्तीफ ा देने के दौरान महिलाओं ने कहा कि जिस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हम सपाक्स संगठन से जुडे थे। वह पार्टी बनते ही कही खो गए है। सपाक्स भी अन्य पार्टियों की तरह राजनैतिक दल बन गया है। जिसमें मौका परस्त लोग अपना फ ायदा देख रहे है। एंट्रोसिटी एक्ट और आरक्षण का मुद्दा अब कहीं नजर नहीं आ रहा है। इसके अलावा सपाक्स अपने पूरे तरह के उद्देश्यों से भटक गया है जिसकी बजह से हमने इससे दूर होना मुनासिब समझा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमने चुनाव से पहले इसलिए इस्तीफ ा नहीं दिया ताकि हमारी बजह से किसी उम्मीदवार को नुकसान न हो।
सामूहिक रूप से सौंपा इस्तीफ ा:- सपाक्स संगठन और पार्टी सहित जिला संयोजक पर गंभीर आरोप लगाते हुए सपाक्स पार्टी की महिला इकाई द्वारा सामूहिक रूप से इस्तीफा सौंप दिया गया। इस मौके पर अध्यक्ष कमल भूल्लर, संयोजक ज्योति रघुवंशी, सचिव रेशू शर्मा, हरमीत, आरती रघुवंशी, प्रियंका जैन, सुनीता सेन, सोनम गुप्ता, मनीषा रघुवंशी, राजकुमारी यादव, सोनम रजक, जूली श्रीवास्तव, मंजीत कौर, बबीता सेन, प्रियंका, गुरमीत कौर, मधु रघुवंशी, जसविंदर, मगविंदर कौर, सोनम राही, राजदीप, मनदीप, नरेदर कौर, ज्योति सिंह, सखजीत कौर, पार्वतीबाई सहित करीब एक सैंकडा सपाक्स महिला कार्यकर्ताओं ने अपने सभी पदों और दायित्वों सहित पार्टी और संगठन से इस्तीफा दे दिया।
नहीं किया मतदान:- महिलाओं ने यह भी बताया कि हम जिला संयोजक और पार्टी से इतने आहत हो गए थेए कि हमने अपने मताधिकार का प्रयोग तक नहीं किया और हमने किसी भी पार्टी को वोट नहीं डाले है। वोट न डालने का दर्द इस्तीफ ा दे रही महिलाओं के चेहरे पर साफ दिखा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हमने पार्टी संयोजक को राष्ट्रीय अध्यक्ष की गाडी में डीजल भरवाने के नाम पर सदस्यता शुल्क भी दे दी थी। साथ ही हम उनसे हर बात को लेकर संपर्क करते थे, लेकिन हमें न तो टिकिट वितरण में तवज्जो दी गई और न ही किसी निर्णय लेते समय चर्चा की गई।
इनका कहना है।
मुझे इस मामलें की जानकारी आज लगी है। इस पूरे मामलें में संयोजक राजेंद्र तिवारी जिम्मेदार है। पार्टी की महिलाओं ने इस सबंध में मुझसे कोई बात नहीं की है। मैं इस पूरे मामलें से पार्टी हाईकमान को अवगत कराऊंगा।
रंजीत यादव,
जिलाध्यक्ष सपाक्स पार्टी।
सपाक्स अपने उद्देश्यों से भटक गई है, यह राजनैतिक दल बन गया है। सपाक्स ने चुनाव के दौरान अपने ही लोगों को साथ नहीं रखा। इन्होंने महिलाओं का मान सम्मान भी नहीं रखा। इसलिए हमने आज सामूहिक रूप से संगठन और पार्टी से इस्तीफ ा दे दिया।
श्रीमति कमल भुल्लर,
जिलाध्यक्ष सपाक्स महिला इकाई।
घर बैठे संगठन नहीं चलता, महिला इकाई द्वारा किसी भी प्रकार से चुनाव के दौरान पार्टी के प्रचार में कोई कार्य नहीं किया गया है। साथ ही सदस्यता शुल्क के तीन कट्टों का हिसाब आना शेष है। तीनों विधानसभाओं के प्रत्याशियों ने एक-एक हजार रूपये सदस्यता शुल्क और पांच पांच हजार रूपये पार्टी में शुल्क जमा कर कुल छह-छह हजार रूपये जमा किए है। इसके अलावा किसी भी प्रत्याशी से कोई पैसा नहीं लिया गया है। मेरे ऊपर लगे आरोप निराधार हैं।
राजेंद्र तिवारी,
जिला संयोजक, सपाक्स पार्टी।