सूचना अधिकार अधिनियम की सिविल विभाग कर रहा है अनदेखी

सूचना अधिकार अधिनियम की सिविल विभाग कर रहा है अनदेखी

डेढ़ माह तक नही दी जानकारी, उद्यान शास्त्री कर रहे है गुमराह

abdul rahman सारनी। पावर प्लांट के अधिकारी अपने फायदे के लिए नए नए हथकंडे अपनाने मे कोई कोर कसर नही छोड़ते है। सूचना के अधिकार अधिनियम की सिविल विभाग मे खुलेआम अनदेखी की जा रही है। इतना ही नही आईटीआई मे फंसता देख अधिकारी अपने बचाव के लिए दूसरे अधिकारी को भी उलझाने मे लगे रहते है। ऐसा ही एक मामला राख बांध मे घास लगाने एवं 25 हजार पौधे लगाने मे हुए फर्जीवाड़े मे डेढ़ माह बीतने के बाद भी नही देने के बाद सामने आई है। सुचना अधिकार अधिनियम की अनदेखी के मामले मे आरटीआई कार्यकर्ता ने पावर प्लांट के चीफ इंजीनियर एवं एमडी पावर जनरेटिंग कंपनी को पत्र लिखकर दोषी अधिकारी पर कार्रवाही की मांग की है। बताया जाता है कि सिविल विभाग के उद्याान शास्त्री के इशारे पर कार्यपालन यंत्री ने राख बांध मे घास लगाने के फोटो ग्राफ देने को सुरक्षा से जोडऩे का प्रयास किया। इसके अलावा आरटीआई लगाने वाले के पते को लेकर पहले अंडगा लगा चुके है। राख बांध मे घास लगाने के कार्य के फोटो ग्राफ देने मे सुरक्षा की आड़ लेने का प्रयास किया है। राख बांध मे काम करने वाले लेवरो का गेटपास जरूर बना होगा। बगैर गेटपास के काम सुरक्षा को खतरा हो सकता है। बताया जाता है कि नर्मदा सरंक्षण के तहत 25 हजार पौधे लगाने एवं राख बांध मे घास लगाने के कार्य मे हुए फर्जीवाड़े के सबंध मे 21 दिसबंर 2018 को आरटीआई लगी है। सिविल विभाग के सुचना अधिकारी ने बताया कि पत्र क्रमांक 505/ 7500/सूचना का अधिकार/ 861 दिनांक 21 दिसबंर 18 के तहत सबंधित विभाग से जानकारी मांगी है। परंतु डेढ़ माह तक जानकारी सुचना अधिकारी को नही दी गई है। समय सीमा मे जानकारी देने पर सिविल विभाग के सूचना अधिकारी ने पत्र लिखकर तत्काल जानकारी तलब की है। गौरतलब है कि राख बांध मे घास लगाने का ठेका आठ लाख 36 हजार 920 रूपए मे हुआ था। कार्य का एल वन कं्रमाक 301/एसटीपीएस/2017/2082/2956/ दिनांक 2 दिसबंर 2017 मे हुआ था। कार्य का आदेश 6708/। 312/दिनांक 18/01/2018 को जारी हुआ था। जिसका रेट एक रूपया 22 पैसा स्कावर मीटर था। घास को राख बांध मे 686000 स्कावर मीटर लगाना था। बताया जाता है कि राख बांध पर घास लगाने का काम को लेकर कई प्रकार के सवालिया निशान पहले भी लग चुके है। राख बांध मे घास लगाए बगैर करीबन पांच लाख रूपए का बिल निकला गया है। बिल मे लेवरो को केवल 24 हजार रूपए का पेमेट हुआ है। लेवर पेमेट शीट मे कोरियर,हार्डवेयर एवं किराना दुकान मे काम करने वालो का नाम है। सिविल विभाग फजीवाड़े को दबाने के लिए नए-नए हथकंडे अपना कर सूचना के अधिकार अधिनियम की अनदेखी कर रहे है।