आंखों को ठंडक देगा बादाम का काजल

आंखों को ठंडक देगा बादाम का काजल

 

आज के समय में ज्यादातर युवाओं को यह बात पता नहीं है कि पुराने समय में घर में ही काजल बनाया जाता था। यह काजल पूरी तरह शुद्ध होता था और आंखों को हर तरह की समस्या से बचाता था। लेकिन आज के समय में ज्यादातर लोग बाजार में मिलनेवाले काजल का उपयोग करते हैं।

जबकि ज्यादातर काजल को बनाने में केमिकल प्रॉडक्ट्स का उपयोग किया जाता है। साथ ही ये काजल आपकी आंखों के लिए उतने लाभकारी नहीं होते हैं, जितना कि घर में बना काजल आपको लाभ पहुंचाता है। घर पर काजल बनाने की विधि बहुत ही आसान है।


घर पर ही बादाम का काजल बनाने के लिए आपको इन चीजों की जरूरत है, 1 दीपक, सरसों का तेल, 2 बादाम, रूई की बत्ती और एक थाली। काजल बनाने की विधि बहुत आसान है। इसके लिए सबसे पहले एक दीपक लें और उसमें सरसों का तेल डालें। अब इसमें 2 बादाम डालें।

अब दीपक में बत्ती डालें और इसे जलाएं। फिर आसपास दो कटोरी अलग रखें। फिर एक प्लेट की मदद से दीपक को ढक दें। इसे थोड़ी देर के लिए छोड़ दें। जैसे-जैसे ही बादाम जलेगा है, प्लेट पर कालिख जमा होना शुरू हो जाएगी। थोड़ी देर बाद प्लेट को स्लाइड करें। आप देख सकते हैं कि प्लेट पर काजल जमा हो गया है।


फिर एक चम्मच की मदद से काजल को निकाल लें और किसी छोटी, साफ डिब्बी में स्टोर करें। आप इस काजल में 1 बूंद बादाम का तेल भी मिला सकते हैं। बादाम में मौजूद विटामिन-ई आंखों को हेल्दी रखने में मदद करेगा।

आपका काजल तैयार है… इस काजल को बच्चों की आंखों में भी बेफिक्र होकर लगा सकते हैं. ये काजल आपकी आंखों को ठंडक देगा। बादाम के गुणों से भरपूर और घर पर बना ये काजल आपकी आखों को कई सारे रोगों से भी दूर रखेगा।

बचपन से ही बच्चों की आंखों में काजल लगाने की परंपरा हमारे यहां है। फिर चाहे बच्चा बेटा हो या बेटी। क्योंकि काजल बच्चों की आंखों को कई रोगों से बचाता है। पुराने समय में घर परी काजल बनाने की परंपरा थी। दादी-नानी घर में ही देसी तेल का दीया जलाकर रोजमर्रा के उपयोग के लिए काजल बनती थीं।

फिर यही काजल घर के सभी सदस्य अपनी आंखों में लगाते थे। खासतौर पर बच्चे और महिलाएं इसका उपयोग करती थीं। सरसों तेल से बना काजल हमारी आंखों को निरोग रखने में सहायता करता है। पुरानी मान्यता है कि घर का बना काजल आंखों की ज्योति बढ़ाने और उसे बनाए रखने में सहायक है।


किसी खास स्थिति में आंख में कोई इंफेक्शन या समस्या हो तो देसी घी का काजल भी बनाया जाता था। घर का बना काजल आंख में कुछ देर के लिए हल्की-सी जलन करता था। यह काजल की शुद्धता की पहचान थी। हालांकि आज के समय में घर में काजल बनाने की परंपरा लगभग बंद ही गई है। लेकिन महिलाएं आज भी बड़ी संख्या में काजल लगाती हैं।

जो महिलाएं मेकअप पसंद नहीं करती हैं, वे भी आंखों में काजल लगाना पसंद करती हैं। ताकि आंखों को आकर्षक भी दिखाया जा सके और उन्हें स्वस्थ भी रखा जा सके। पुराने समय में तो पुरुष भी आंखों में काजल लगाते थे। हालांकि अब ऐसा देश के कुछ ही हिस्सों में देखने को मिलता है।