आईएफएस और आईएएस के बीच पत्रबार तेज, राब पौधों का क्यों करें भुगतान: CEO
इंदौर
पौधे सप्लाई मामले में उद्यानिकी विभाग के आईएफएस आयुक्त सत्यानंद और राज्य रोजगार गारंटी परिषद की आईएएस आयुक्त जीव्ही रश्मि के बीच पत्रवार और तेज हो गया है। वहीं दर्जनभर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों ने पौधे की सप्लाई और गुणवत्ता पर सवाल खड़े किये हैं। सीईओ ने खराब पौधों का भुगतान नहीं करने की बात कही है।
उद्यानिकी के कमिश्नर ने पत्र जारी करते हुये 28 जिलों से करीब 1 करोड़ 69 लाख का भुगतान नहीं होने का उलाहना आयुक्त मनरेगा को दिया है। इस पत्र के जवाब में मनरेगा आयुक्त ने कहा कि उनके रिकार्ड में 16 जिलों का भुगतान पूर्व में किया जा चुका है। ये जिले खंडवा, बुरहानपुर, खरगौन, शिवपुरी, इंदौर, बैतूल, नरसिंहपुर, हरदा, नीमच, सिंगरौली, रायसेन, सिवनी, जबलपुर, बड़वानी, अलीराजपुर और धार हैं। आयुक्त ने संबंधित जिलों के लेखाधिकारियों को भोपाल तलब किया है और निर्देश दिये हैं कि 23 मार्च तक उद्यानिकी विभाग से मिलकर रिकार्ड का मिलान करें। समाधान नहीं होता है तो सभी लेखाधिकारी 26 मार्च को स्पष्टीकरण के साथ आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत हों।
आगर मालवा, अनूपपुर, भिंड, छतरपुर, सतना सहित दर्जनभर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों ने पौधों की सप्लाई को लेकर सवाल खड़े किये हैं। कई सीईओ ने मंगलवार को उद्यानिकी विभाग में फोन करके सूचना दी कि सप्लाई किये गये पौधे खराब मिले हैं। उनका भुगतान नहीं किया जा सकता है।
इधर, राज्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना में गफलत मिली है। राज्य कार्यक्रम अधिकारी असित गोपाल ने अनूपपुर, आगरमालवा, अलीराजपुर, बड़वानी, बैतूल, भिंड, बुरहानपुर, गुना, ग्वालियर, हरदा, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, मुरैना, नरसिंहपुर, पन्ना, सतना, सिवनी, शाजापुर, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, उमरिया, और विदिशा जिले में राज्य से जारी राशि में विसंगति पाई है। उन्होंने इन जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा है कि वर्ष 2017-18 की समेकित अािडट रिपोर्ट और उपयोगिता प्रमाण पत्र की मूल प्रति मांगी जा रही है। दरअसल, राज्य से जारी राशि में विसंगति होने के कारण राज्य स्तर से आडिट संकलन नहीं हो पा रहा है, तथा केन्द्र को भेजी जाने वाली रिपोर्ट अटकी है।