आयर्वेद ने भी माना रात को नहीं खाना चाहिए कुछ खट्टा, जाने क्या होता है खतरा
जब कभी बात रात के खाने की होती है, तकरीबन हर कोई रात को हल्का खाने का मशविरा देता है। हालांकि इस बारे में किसी को भी सही जानकारी नहीं होती है कि रात को क्या खाना चाहिए और क्या नही। रात के खाने को लेकर कई तरह के मिथक जुड़े हुए है हालांकि इनमें से कुछ तो सिर्फ निराधार है तो कुछ के पीछे मजबूत तर्क छिपे हुए होतमे है।
जैसे कि रात को खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि खट्टे फलों की प्रकृति अम्लीय होती है। रात को सोने से पहले खट्टे फल खाने से एसिडिटी हो सकती है। माना जाता है कि रात को खट्टे पदार्थ खाने से खांसी और ठंड की समस्या बढ़ जाती है।
वेटलॉस में रोड़ा
कई विशेषज्ञों का मानना है कि रात को खट्टे खाद्य पदार्थ खाने से वाटर रिटेंशन की समस्या हो सकती है जो आपके वेटलॉस में रोड़ा बन सकता है। रात को कड़ी, रसम, दही और रायता जैसी नहीं खानी चाहिए।
आयुर्वेद में क्या लिखा है?
आयुर्वेद में भी समय के अनुरुप सही खाद्य पदार्थ खाने के बारे में सलाह दी है, आयुर्वेद के अनुसार रात को खाने में खट्टे खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए आयुर्वेद में तीन मूल दोषों के बारे में उल्लेख है जैसे वात, पित्त और कफ, और अच्छी सेहत के लिए इन तीनों दोषों के बीच समुचित संतुलन होना जरुरी है। विशेषज्ञों के अनुसार रात को खट्ट् पदार्थ खाने से वात दोष बढ़ सकता है। देर शाम जैसे 11 बजे के आसपास संध्याकाल में हवा सिर के ऊपर होती है। में इस दौरान खट्टा भोजन खाने से वात दोष की समस्या आपको घेर सकती है।
वात दोष की समस्या
वात दोष होने से सर्दी और खांसी को बढ़ा सकता है और नाक के मार्ग में गाढ़ा बलगम का निर्माण कर सकता है। इससे कमजोरी और थकान भी हो सकती है।
रात को सोने में हो सकती है समस्या
रात में खट्टी चीजों के खाने से पेट में अम्ल की मात्रा बढ़ने लगती है जो शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं होने देता है। अगर आप में भी खट्टी चीजें खाने की आदत है तो आज से ही इस आदत को बदल लें। वैसे स्वास्थय विशेषज्ञों का कहना है कि रात को ठीक सोने से पहले किसी भी तरह का खाद्य पदार्थ नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इस दौरान शरीर से निकलने वाली ऊर्जा की वजह से आपको रात में सोने में बैचेनी हो सकती है।