आरटीई के तहत 12वीं तक शिक्षा मुफ्त

रायपुर
प्रदेश में शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 8वीं से आगे की पढ़ाई के इच्छुक कमजोर आर्थिक स्थिति वाले बच्चों को अब प्रदेश सरकार 12वीं तक फीस और किताबें मुफ्त देगी। ऐसे बच्चों की संख्या करीब 7600 है। ये फैसला प्रदेश सरकार ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में लिया। अब तक प्रदेश में ये लाभ 8वीं तक के बच्चों को मिलता था। इसी तरह सरकार द्वारा फूड फॉर ऑल के तहत राज्य के सभी 65 लाख परिवारों को राशनकार्ड भी दिए जाएंगे। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और खाद्य मंत्री मोहम्मद अकबर ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी मीडिया को दी।
प्रदेशवासियों को फूड फॉर आल स्कीम के तहत राशन कार्ड के दायरे में लाया जाएगा। इसके तहत सभी 65 लाख परिवारों के राशन कार्ड बनेंगे। अभी 58 लाख परिवारों के राशन कार्ड हैं। बाकी 7 लाख नए परिवारों के भी राशन कार्ड बनाए जाएंगे। सामान्य श्रेणी के लोगों को सामान्य श्रेणी (आयकरदाता) और सामान्य श्रेणी (गैर आयकरदाता) का राशन कार्ड जारी होगा।
सामान्य श्रेणी के लिए चावल 10 रुपए प्रति किलो निर्धारित किया गया है। नया कार्ड बनने तक पुराने कार्ड से राशन मिलता रहेगा। यदि किसी परिवार में 5 से अधिक सदस्य हैं तो उन्हें प्रति सदस्य 7-7 किलो चावल अतिरिक्त दिया जाएगा। सरकार वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम में किसानाें का 650 करोड़ का कर्ज पटाएगी। अब ऐसे किसान भी बैंकों से कर्ज ले सकेंगे जिनके खाते लंबे समय से नानपरफाॅर्मिंग थे।
इससे पहले सरकार ने सहकारी एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा सार्वजनिक क्षेत्र के व्यवसायिक बैंकों से लिए गए अल्पकालिक कृषि ऋण माफ किए थे। लेकिन बुधवार को हुई बैठक में नानपरफामिंग खातों को वन टाइम सेटलमेंट के माध्यम से ऋण माफी का लाभ दिलाने का निर्णय लिया गया। इसके तहत 50 प्रतिशत की राशि राज्य सरकार द्वारा देय होगी। इसमें 21 सार्वजनिक बैंको के साथ आईडीबीआई बैंक को भी शामिल किया गया है। इन बैकों में नानफारमिंग खातों में लगभग 1175 करोड़ रूपए का ऋण बकाया है। इसके लिए बैंकों से चर्चा की जा रही है।
राज्य के कारखानों से ही शक्कर खरीदेगी सरकार : प्रदेश सरकार पीडीएस से हितग्राहियों को शक्कर देने के लिए खुले बाजार से शक्कर खरीदती थी। लेकिन सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इस बार सरकार खुले बाजार से नहीं बल्कि उसी दर पर राज्य के कारखानों के शक्कर खरीदेगी।
दरअसल राज्य में अभी 13 लाख क्विंटल शक्कर पडा़ हुआ है जबकि राज्य को सिर्फ 6 लाख क्विंटल शक्कर की जरूरत है। अकबर ने बताया कि राज्य के गन्ना उत्पादक किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए एवं सहकारी शक्कर कारखानों को सक्षम बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
फीस नियामक आयोग बनेगा
हर साल होने वाली फीस वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए सरकार फीस नियामक आयोग बनाएगी। ये मांग बीते 15 साल से की जा रही थी। पिछलीा सरकार ने इसकी घोषणा तो की, लेकिन इस पर कोई ठोस काम नहीं किया था।