आशा कार्यकर्ताओं ने कंडोम बांटने से कर दिया मना, ये है वजह

मध्यप्रदेश की आशा कार्यकर्ताओं ने अब कंडोम बांटने से इंकार कर दिया है. इनकी आपत्ति उसके नाम पर है जिसका नाम भी 'आशा' है. अपने नाम पर कंडोम का नामकरण करने से परेशान ये कार्यकर्ता अब कोर्ट जाने की तैयारी में हैं.
प्रदेश की करीब 59 हज़ार आशा कार्यकर्ताओं ने निरोध के पैकेट बांटने से मना कर दिया है.निशुल्क कंडोम बांटने का ये काम, फैमली प्लानिंग प्रोग्राम का हिस्सा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव और शहरों में ये बांटे जाते हैं. एनआरएचएम के अंतर्गत आने वाले आरोग्य केंद्रों में कंडोम भेजे जाते हैं और बांटने का जिम्मा आशा कार्यकर्ताओं पर है.
इन कार्यकर्ताओं को इसके नाम पर आपत्ति है. उनका कहना है गांव-गांव में आशा कार्यकर्ताओं को लोग आशा दीदी के नाम से बुलाते हैं. कार्यकर्ताओं को उनके नाम से शायद की कोई जानता हो. लेकिन कंडोम का नाम आशा रखने पर उन्हें भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है. शरारती तत्व इसका नाम लेकर अश्लील कमेंट करते हैं. आशा और उषा कार्यकर्ता संगठन ने केन्द्र और राज्य सरकार से कंडोम का नाम बदलने की अपील की है.साथ ही कहा है पुरुषों से गर्भ निरोधक बंटवाने चाहिए. कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह को पत्र भी लिखा है. अगर बात नहीं बनी तो फिर वो हाईकोर्ट जाएंगी.