इन बीमारियों को दूर भगाता है गिलोय का रस

गिलोय आयुर्वेद में मौजूद सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक है। गिलोय के औषधीय गुणों की वजह से इसे अमृत के रूप में जाना जाता है। गिलोय का पौधा एक बेल के रूप में होता है और इसकी पत्तियां पान के पत्ते की तरह होती हैं। गिलोय हमारे शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है...

बढ़ाएं इम्यूनिटी
गिलोय में ऐंटिऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो खतरनाक रोगों से लड़कर शरीर को सेहतमंद रखता है। गिलोय, किडनी और लिवर से विषाक्त पदार्थों को दूर करता है और मुक्त कणों को बाहर निकालता है। नियमित रूप से गिलोय का जूस पीने से रोगों से लड़ने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है।

डेंगू का उपचार
गिलोय बुखार और दूसरे रोगों का इलाज करता है क्योंकि इसकी प्रकृति ज्वरनाशक है, इसलिए यह जीवन को खतरे में डालने वाली बीमारियों के संकेतों और लक्षणों को कम करता है। यह खून में प्लेटलेट्स की गिनती को बढ़ाता है और डेंगू बुखार के लक्षण को भी दूर करता है। गिलोय के साथ तुलसी के पत्ते प्लेटलेट्स की गिनती को बढ़ाते हैं और डेंगू से लड़ते हैं।

पाचन बनाए बेहतर
गिलोय पाचन तंत्र की देखभाल कर सकता है। आधा ग्राम गिलोय पाउडर को आंवले के साथ नियमित रूप से लें। अच्छे परिणाम के लिए, गिलोय का रस छाछ के साथ भी लिया जा सकता है। यह उपाय बवासीर से पीड़ित रोगियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

मस्तिष्क का टॉनिक
गिलोय को अडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है जो मानसिक तनाव और चिंता को कम करता है। एक उत्कृष्ट स्वास्थ्य टॉनिक बनाने के लिए, गिलोय अक्सर अन्य जड़ी बूटियों के साथ मिश्रित किया जाता है। यह स्मृति को बढ़ावा देने और काम पर ध्यान लगाने में मदद करता है। यह मस्तिष्क से सभी विषाक्त पदार्थों को भी साफ करता है।

गठिया में राहत
अगर वातरोगी गठिया से पीड़ित हैं तो गिलोय का सेवन करना चाहिए। इसमें सूजन को कम करने के साथ-साथ गठिया विरोधी गुण भी होते हैं जो कि गठिया और जोड़ों में दर्द सहित इसके कई लक्षणों का इलाज करते हैं।

जरूरी बात का रखें ध्यान
गिलोय 5 साल की उम्र या इससे ऊपर के बच्चों के लिए सुरक्षित है। हालांकि, गिलोय की खुराक दो सप्ताह से ज्यादा या बिना आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के नहीं दी जानी चाहिए। अगर आप डायबीटीज की दवाई ले रहे हैं तो बिना डॉक्टर की सलाह के इस जड़ी बूटी का सेवन नहीं करना चाहिए। गिलोय कब्ज और कम रक्त शर्करा की समस्या भी पैदा कर सकता है। गर्भवती महिलाओं को इसके इस्तेमाल के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।