ई-कॉमर्स के लिए पॉलिसी बदलने से ऐमजॉन को फूड रिटेल में मुश्किल
नई दिल्ली
ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) गाइडलाइंस में हाल के बदलावों से ऐमजॉन इंडिया के फूड बिजनस से जुड़ी कंपनी को लेकर प्रश्न उठे हैं। ऐमजॉन के मौजूदा बिजनस मॉडल पर भी इसका असर पड़ेगा। सूत्रों ने बताया कि ऐमजॉन इस बारे में कानूनी राय ले रही है कि ऐमजॉन रिटेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (ARIPL) उसके प्लेटफॉर्म पर बिक्री जारी रख सकती है या उसे 1 फरवरी से नई गाइडलाइंस लागू होने पर इसे बंद करना होगा।
ऐमजॉन की पूरी हिस्सेदारी वाली इस यूनिट को जुलाई 2017 में केवल फूड बिजनस की एक कंपनी में 50 करोड़ डॉलर का इन्वेस्टमेंट करने की मंजूरी मिली थी। इस कंपनी को फूड प्रॉडक्ट्स की फिजिकल स्टोर्स और ई-कॉमर्स के जरिए सोर्सिंग कर बिक्री करने की अनुमति मिली है। हालांकि, पिछले सप्ताह घोषित ई-कॉमर्स के लिए नई FDI पॉलिसी में विदेशी फंडिंग वाली ई-कॉमर्स कंपनियों पर ऐसी किसी कंपनी के प्रॉडक्ट्स बेचने पर रोक लगाई गई है जिसमें उसके इक्विटी शेयर हैं।
ऐमजॉन से जुड़े एक सूत्र ने बताया, 'नई गाइडलाइंस को लेकर भ्रम की स्थिति है। हर चीज काफी जटिल है। क्या इसका यह मतलब है कि ऐमजॉन किसी रिटेल कंपनी में इन्वेस्टमेंट नहीं कर सकती?' यह पूछने पर कि क्या ARIPL 1 फरवरी के बाद ऐमजॉन इंडिया के प्लैटफॉर्म पर बिक्री कर सकती है, उनका कहना था, 'मुझे इसकी जानकारी नहीं है।'
ARIPL ने कुछ महीने पहले ही Amazon.in पर प्रॉडक्ट्स बेचने शुरू किए हैं। इसके बिजनस की शुरुआत में एक वर्ष से अधिक की देरी हुई थी क्योंकि सरकार ने ऐमजॉन से कहा था कि वह अपने मार्केटप्लेस और फूड बिजनस से जुड़ी कंपनी के बीच दूरी रखे। दोनों कंपनियों के लिए अलग इक्विपमेंट, मशीनरी और वेयरहाउस की शर्त रखी गई थी।
ऐमजॉन का कहना है कि उसके प्लैटफॉर्म पर चार लाख से अधिक छोटे और मझोले कारोबारी मौजूद हैं और कंपनी भारत में अपने बिजनस को लेकर मजबूत इरादा रखती है। ऐमजॉन इंडिया के प्रवक्ता ने बताया, 'हमने हमेशा देश के कानूनों का पालन किया है और हम नई गाइडलाइंस को समझ रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो हम इसे लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांग सकते हैं।'
नई पॉलिसी से ऐमजॉन और इसकी प्रतिद्वंद्वी वॉलमार्ट के भारत में बिजनस पर असर पड़ेगा। वॉलमार्ट ने देश की टॉप ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल फ्लिपकार्ट को 16 अरब डॉलर में खरीदा है। नए रूल्स के तहत, क्लाउडटेल फरवरी से ऐमजॉन के मार्केटप्लेस पर बिक्री नहीं कर सकेगी। ऐमजॉन के प्लैटफॉर्म पर क्लाउडटेल सबसे बड़ी वेंडर है। ऐमजॉन के पास क्लाउडटेल में हिस्सेदारी है। इसी तरह वॉलमार्ट और इससे जुड़ी कंपनियां भी फ्लिपकार्ट पर बिक्री नहीं कर सकेंगी।