ई टेंडर घोटाला रडार पर 6 IAS, SAS अफसर

भोपाल
मध्यप्रदेश में 300 करोड़ के ई टेंडर घोटाले की आंच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सचिवालय तक पहुंच गयी है. जांच की जद में शिवराज सरकार के तीन मंत्रियों के बाद अब 6 IAS और राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर आ गए हैं. EOW को सीएम सचिवालय में पदस्थ अफसरों के साथ निजी स्टॉफ के घोटाले में शामिल होने के सबूत भी मिले हैं.
EOW ने ई टेंडर घोटाले में शामिल सात कंपनियों के संचालकों, अज्ञात नेताओं और अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.जांच के बाद कंपनियों के कई जिम्मेदारों को गिरफ्तार भी किया गया.एक महीने बाद अब EOW की जांच रडार पर शिवराज सरकार के तीन मंत्रियों के साथ छह आईएएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर आ गए हैं. इनके साथ जांच एजेंसी को पूर्व अफसरों की कॉल डिटेल से पता चला है कि इन अफसरों की पकड़े गए आरोपियों से फोन पर बातचीत हुई है.जिन अफसरों से पूछताछ की जानी है, उनमें सीएम सचिवालय में पदस्थ रहे दो प्रमुख सचिवों के नाम भी हैं.
1-पीएचई विभाग में 1800 करोड़ का घोटाला
इस विभाग के 3 टेंडर में टेंपरिंग कर घोटाला किया गया.ये टेंडर द हयूम पाइप लिमिटेड और मेसर्स जेएमसी लिमिटेड मुंबई को दिए गए थे. इस घोटाले में विभागीय मंत्री के साथ तत्कालीन प्रमुख सचिव की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
2-जल संसाधन विभाग में 1135 करोड़ का घोटाला
इस विभाग के 2 टेंडर में छेड़छाड़ कर मेसर्स जीवीआरपी लिमिटेड हैदराबाद, सोरठिया वेलेजी प्राइवेट लिमिटेड बड़ौदा को दिए गए थे.जांच में विभागीय मंत्री के साथ जिम्मेदार आईएएस और एसएएस अफसरों की भूमिका संदिग्ध मिली.
3-पीडब्ल्यूडी में 37 करोड़ का घोटाला
इस विभाग के टेंडरों में छेड़छाड़ कर मेसर्स माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड, राजकुमार नरवानी लिमिटेड भोपाल को दिए गए थे.तत्कालीन मंत्री के साथ विभाग के पीएस, एमडी और संचालक भी जांच के दायरे में आ गए हैं.
कमलनाथ सरकार इस घोटाले में शामिल शिवराज सरकार के पांच अफसरों को हटा चुकी है. अब नई टीम के साथ ईओडब्ल्यू तेजी से जांच कर रहा है.