उच्च शिक्षा विभाग के फरमान का विरोध, सप्ताह में नहीं करेंगे 40 घंटे काम

उच्च शिक्षा विभाग के फरमान का विरोध, सप्ताह में नहीं करेंगे 40 घंटे काम

भोपाल 
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने यूजीसी नईदिल्ली के 18 जुलाई 2018 के आदेश का हवाला देते हुए प्रदेश के सभी विश्व विद्यालयों के एक फरमान जारी किया है। जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता की बात कहते हुए विभाग ने कहा है कि शिक्षक को एक शैक्षणिक वर्ष में 30 कार्य सप्ताह यानि एक सप्ताह में कम से कम 40 घंटे पढ़ाना होगा।आदेश के जारी हुए अभी 48  घंंटे भी नही हुए कि अब इसका विरोध शुरु हो गया है। प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने आदेश का विरोध करते हुए कहा कि पहले सरकार सांतवा वेतनमान लागू करे फिर कोई नया आदेश। संघ ने चेतावनी दी कि यदि विभाग ने आदेश वापस नहीं लिया तो उसे मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा।

क्या लिखा है आदेश में- मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मण्डलोई ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है जिसमें सभी सरकारी महाविद्यालयों, निजी महाविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष तथा सभी कुल सचिवों को संस्थानों में शैक्षणिक वर्ग की उपलब्धता बनाये रखने के लिये किसी भी शिक्षक का कार्यकाल एक सप्ताह में 40 घंटे से कम नहीं हो, को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। निर्देश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियम-2018 (यूजीसी )के अंतर्गत जारी किये गये हैं।प्रमुख सचिव  मण्डलोई के अनुसार सभी कार्यों को सुनिश्चित करने के लिये यह अनिवार्य होगा कि शिक्षक कम से कम पाँच घंटे प्रतिदिन महाविद्यालय/विश्वविद्यालय में उपस्थित रहें। जिसको लेकर अब संघ ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि सरकार पहले सातवां वेतनमान लागू करे उसके बाद इस तरह के आदेश। ऐसा नही किया जाता है तो वे सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगें।

आदेश में ये भी शामिल

  • पूर्णकालिक रोजगार के मामले में एक शिक्षा वर्ष में शिक्षकों का कार्यकाल 30 कार्य सप्ताह (180 शिक्षण दिवस) के लिये एक सप्ताह में 40 घंटे से कम का नहीं होना चाहिये।
  • शिक्षकों को संस्था के हित में शिक्षण कार्यों के साथ-साथ शैक्षणेत्तर कार्य एवं सभी आवश्यक कार्य सुनिश्चित किया जाना है।
  • कालखण्डों अनुसार नियमित अध्यापन कार्य, मूल्यांकन और विश्वविद्यालय परीक्षा कार्य में आवश्यक सहयोग, संस्थान की शैक्षणेत्तर गतिविधियों में पूर्ण सहयोग, हितग्राहियों को नियमानुसार लाभ सुनिश्चित करना, विद्यार्थियों की समस्याओं जैसे अंक-सूची, परीक्षा परिणाम प्राप्त न होना आदि कार्यों में सहयोग करना होगा। 
  • विभाग द्वारा निर्धारित स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, रोजगार आदि में सहयोग, अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति के विद्यार्थियों को नि:शुल्क स्टेशनरी एवं पुस्तकों का प्रदान, रूसा एवं विश्व बैंक परियोजना के अधोसंरचना कार्यों में आवश्यक सहयोग तथा एनएसएस एवं एनसीसी के माध्यम से समाज-सेवा कार्य भी सुनिश्चित करना होगा।