आरक्षक भर्ती परीक्षा : पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा सहित 62 लोगों के खिलाफ चालान पेश
भोपाल
व्यापमं की आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012 घोटाले मामले में आरोपित पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा सहित 62 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया गया है। सीबीआई ने गुरुवार को विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह की अदालत में 128 पन्नों का आरोप पत्र पेश किया है। आरोप पत्र के साथ मामले से जुड़े गवाहों एवं दस्तावेजों की सीडी आरोपियों को दी गई है।
सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जीवाड़े, षड्यंत्र, आईटी एक्ट, मध्यप्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम के तहत चालान पेश करते हुए प्रमुख रूप से व्यापमं में पूर्व नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, कम्प्यूटर एनालिस्ट नितिन महिन्द्रा, अजय कुमार सेन, चंद्रकांत मिश्रा और बिचौलिये के रूप में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा व उनके ओएसडी ओमप्रकाश शुक्ला, अम्बरीश शर्मा, सुधीर शर्मा, अजय शंकर मेहता, भरत मिश्रा, तरंग शर्मा सहित कुल 62 बिचौलियों, स्कोरर और अभ्यर्थियों को आरोपित बनाया है। मामले में पूर्व में आरोपित बनाए गए राज्यपाल केओएसडी धनराज यादव और अजय सिंह पवार की मौत हो जाने से उनके नामों को आरोप-पत्र से हटा दिया गया।
2012 की एक्सल फाइल से हुआ था घोटाले का पर्दाफाश
आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले का खुलासा 'लेटेस्ट 2012" नामक एक्सल फाइल से हुआ था। इंदौर के राजेन्द्र नगर थाने में पहली रिपोर्ट होने के बाद यह मामला एसटीएफ को सौंप दिया गया था। मामले की जांच के दौरान व्यापमं के कम्प्यूटर एनालिस्ट नितिन महिन्द्रा से कम्प्यूटर हार्ड डिस्क जब्त की गई थी।
इसे जांच के लिए डीएफएस गांधीनगर गुजरात भेजा गया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद हार्ड डिस्क को जब खोलकर देखा गया तो उसमें लेटेस्ट 2012 नामक एक्सल फाइल बनी हुई थी। इस फाइल में ही मामले से जुड़े बिचौलिए, स्कोररों और अभ्यर्थियों के नामों का खुलासा हुआ। लेटेस्ट 2012 एक्सल शीट में 311 अभ्यर्थियों और बिचौलियों के नाम थे।
जांच के बाद एसटीएफ ने इस मामले में 23 नवंबर 2013 को 53 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। इनमें 42 अभ्यर्थी, चार व्यापमं के अधिकारी और 7 बिचौलियों के नाम थे। बाद में जांच के दौरान कुल 65 आरोपित बनाए गए। एसटीएफ मामले की जांच कर रहीं थी इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 9 जुलाई 2015 को व्यापमं मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए थे। सीबीआई ने मामले की जांच के दौरान 4 लोगों को सबूत के अभाव में आरोपित नहीं बनाया। मामले में अभी जांच जारी है, जिसके पूरक चालान पेश किए जाएंगे।