एक राष्ट्र एक चुनाव: निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने कहा 'यह फिलहाल संभव नहीं'

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर चर्चा के लिए बुधवार को एक सर्वदलीय बैठक की, लेकिन निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने कहा है कि यह विचार फिलहाल संभव नहीं है। एक पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने भी कहा कि यह प्रस्ताव जितना उचित है, उतना ही अनुचित भी है।
निर्वाचन आयोग के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि यदि यह विचार संभव होता तो आयोग ने इस साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराए होते। निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव सात चरणों में कराए थे, जो 11 अप्रैल से शुरू हुआ था और 19 मई तक चला था। चुनाव परिणाम 23 मई को घोषित हुए थे।
सूत्रों ने यह भी कहा कि एकसाथ चुनाव कराने में कानून-व्यवस्था का मुद्दा बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की संख्या सीमित है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में 90 करोड़ से अधिक मतदाता हैं और एकसाथ चुनाव की तैयारी करना फिलहाल काफी कठिन काम है।
सरकार का दावा ज्यादातर पार्टियों से मिला समर्थन
सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार द्वारा दावा किया गया था कि 'एक राष्ट्र एक चुनाव' को ज्यादातर पार्टियों को समर्थन मिला है। साथ ही में यह भी बताया गया था कि इस पर सभी पक्षों के साथ चर्चा करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। संसद भवन के परिसर में हुई बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी समिति का गठन करेंगे, जो तय समय में सभी पक्षों के साथ बातचीत करके रिपोर्ट देगी। वहीं कई दल ऐसी भी थे जिन्होंने इस चर्चा में हिस्सा नहीं लिया था।