एम्स में होगी राज्य सरकार के मेडिकल आॅफिसर, नर्सिंग आॅफिसर और लैब टेक्नीशियन की अस्थायी नियुक्ति

रायपुर
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों एम्स दिल्ली, पीजीआई चंडीगढ़ और सभी कार्यशील एम्स के निदेशकों के साथ आनलाइन बैठक ली। इस दौरान रायपुर एम्स के निदेशक प्रो. (डा.) नितिन नागरकर द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार के मेडिकल आॅफिसर, नर्सिंग आॅफिसर और लैब टेक्नीशियन को एम्स में अस्थायी तौर पर नियुक्ति करने के निर्देश दिए। साथ ही राज्य सरका के चिकित्सकों की भी मदद लेने के निर्देश दिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देशवासी राष्ट्रीय महत्व के स्वास्थ्य संस्थानों से अधिक आशा लगाए हुए हैं। अत: इन सभी को कोविड के विरूद्ध संघर्ष में नेतृत्व के लिए आगे आना होगा। उन्होंने सभी केंद्रीय स्वास्थ्य संस्थानों से राज्य सरकार के मेंटर इंस्टीट्यूट के रूप में पूर्ण मदद करने और उनसे हर संभव सहयोग लेने को भी कहा। डा. हर्षवर्धन ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार के मेडिकल आॅफिसर, नर्सिंग आॅफिसर और लैब टेक्नीशियन को एम्स में अस्थायी तौर पर नियुक्त कर दिया जाए।
एम्स इन सभी को ट्रेनिंग देने के साथ कोविड के रोगियों के उपचार में इनकी मदद भी लेगा। बाद में यह सभी संबंधित जिलों में कोविड अस्पतालों के विकास में मदद कर सकते हैं। डा. हर्षवर्धन ने अन्य एम्स से भी इस दिशा में कार्य करने को कहा है।
इस अवसर पर एम्स रायपुर के निदेशक प्रो. (डा.) नितिन नागरकर ने उन्हें बताया कि छत्तीसगढ़ में सांस संबंधी तकलीफ के अधिक रोगी आ रहे हैं, जिन्हें तुरंत आक्सीजन की आवश्यकता होती है। एम्स ने वर्तमान में 500 बैड कोविड रोगियों के लिए आरक्षित रखे हैं जिन्हें आवश्यकता पड?े पर 600 तक किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त अन्य रोगियों के लिए भी इमरजेंसी चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से कोविड की चुनौती का मुकाबला करने का भी संकल्प व्यक्त किया। इस अवसर पर उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता भी उपस्थित थे।