कई जगह बंद रही ईवीएम, कुछ जगह हिंसा-मारपीट, कोई पुनर्मतदान नहीं
भोपाल
मप्र विधानसभा की 230 सीटों पर शाम 6 बजे तक 74.61 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई। यह पिछले 2013 के विधानसभा चुनाव से 2 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं छत्तीरसगढ़ के गठन के बाद हुए सभी चुनावों में सर्वाधिक है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शाम 6 बजे तक 74.61 प्रतिशत मतदान रिकार्ड किया गया। राव ने बताया कि मतदान के दौरान प्रदेश में किसी भी प्रकार की कोई हिंसा या अप्रिय घटना सामने नहीं आयी है। मतदान पूर्णत: शांतिपूर्ण रहा। वोटिंग प्रतिशत दो से तीन फीसदी बढ़ सकता है क्योंकि देर शाम तक 250 मतदान केन्द्रों में मतदाता लाइनों में लगे थे। वोटिंग के दौरान 2126 वीवीपीएटी को बदला गया जबकि आयोग के पास 386 शिकायतें आयी जिसका निराकरण किया जा चुका है। बूथ कैप्चरिंग और चुनाव बहिष्कार की बात का राव ने नकारते हुए कहा कि ऐसा कही भी नहीं हुआ। जहां तक बूथ कैप्चरिंग की खबर है ऐसी घटना सामने नहीं आयी। कुछ केन्द्रों पर वोटिंग के लिए लोगों की ज्यादा भीड़ हुई हालांकि वहां व्यवस्था बनायी गई।
नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट में 80 फीसदी वोटिंग
राव ने बताया कि नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट में सुबह 7:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक मतदान हुआ। यहां तीन विधानसभा क्षेत्रों भारी वोटिंग दर्ज की गई। जिसमें परइस बार बंपर वोटिंग दर्ज की गई। परसवाड़ा में 80.05 फीसदी, लांजी में 79.07 फीसदी जबकि बैहर में 78.05 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई। यह अबतक की सबसे अच्छी वोटिंग है।
2126 वीवीपीएटी बदली गईं
ईवीएम से जुड़ी शिकायतों को लेकर उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2126 वीवीपीएटी मशीनों को बदला गया, इसके अलावा 883 बैलट यूनिट और 881 कंट्रोल यूनिटों को बदला गया। जबकि भोपाल में यह संख्या 170 है। जिसमें 53 बैलट यूनिट, 43 कंट्रोल यूनिट व 74 वीवीपीएटी मशीनें शामिल है। वोटिंग के दौरान आयोग को 386 शिकायतें मिली जिसका निराकरण किया जा चुका है। यह पूछे जाने पर कि जो मशीनें खराब हुई है उनमें पड़े मतों को क्या किया जाएगा। राव ने कहा कि जो खराब और लगाई गई नई मशीनों को काउंटिंग के वक्त दोनों को गिना जाएगा।
भिंड़ में हुई फायरिंग से मतदान का संबंध नहीं
यह पूछे जाने पर कि भिंड जिले में मतदान केन्द्र को कैप्चर किए जाने एवं ईवीएम मशीन को तोड़ने की खबर है। इसके अलावा यहां मतदान केन्द्र के पास फायरिंग की बता भी सामने आ रही है। राव ने जवाब देते हुए कहा कि बूथ कैप्चर की खबर गलत है। ईवीएम के साथ कोई तोड़-फोड़ नहीं की गई है। हां फायरिंग की सूचना हमें मिली है लेकिन वह मतदान केन्द्र के आस-पास नहीं बल्कि दूर कही गांव में विवाद के चलते हुई है। फायरिंग का मतदान से कोई संबंध नहीं है।
ड्यूटी के दौरान तीन कर्मचारियों की मौत
चुनाव में लगी ड्यूटी के दौरान तीन कर्मचारियों की मौत हो गई। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि इंदौर, धार व गुना में दिल का दौरा पड़ने के चलते कर्मचारियों की मौत हो गई है। आयोग मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रूपए की आर्थिक मदद की घोषणा की। जो शासन द्वारा दिए जाने वाले आर्थिक सहयोग से अलग होगी।
//11 दिसंबर को आएगा फैसला//
मप्र की 230 विधानसभा सीटों के लिए 2,899 उम्मीदवारों की जीत-हार का फैसला अब ईवीएम में बंद हो गया है। 11 दिसंबर को चार अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ परिणाम सामने आएगा। और राज्य में किस दल की सरकार बनने वाली है। मप्र में मुख्य मुकाबला कांग्रेस-भाजपा के बीच है। राज्य में 2003 से भाजपा सत्ता में है। जबकि पिछले 13 सालों से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री है। प्रदेश में सबसे लंबा मुख्यमंत्री का कार्यकाल शिवराज के नाम दर्ज है।
भोपाल जिले में मतदान का प्रतिशत
विस क्षेत्र प्रतिशत
दक्षिण-पश्चिम 65
मध्य 65
उत्तर 63
नरेला 61
गोविंदपुरा 54
बैरसिया 65
हुजूर 62