कब और किसने शुरू किया था मंत्रालय में वंदे मातरम् का गायन!
भोपाल
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा हर महीने की पहली तारीख पर मंत्रालय में वंदे मातरम का गायन नहीं किए जाने के फैसले पर सियासी घमासान मचा हुआ है. इस फैसले के साथ ही सालों से चली आ रही एक परंपरा टूट गई है.
मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल गौर ने 2004 में इस परंपरा को शुरू किया था. तब से हर महीने की पहली तारीख को मंत्रालय के पार्क में सभी अधिकारी-कर्मचारी वंदे मातरम का गायन कर काम शुरू करते थे. मंत्रालय के बाहर पार्क में वंदे मातरम का गायन हर महीने की पहली तारीख पर होता था.
जनवरी की एक तारीख होने की वजह से कुछ कर्मचारी मंत्रालय भी पहुंचे थे. पहली तारीख को मंत्रालय के बल्लभभाई पटेल मार्ग में पुलिस बैंड और गायन समूह के साथ सभी सरकारी कर्मचारी वंदे मातरम गाते हैं, लेकिन मंगलवार को न तो पुलिस का बैंड राष्ट्रीय धुन बजाने यहां पहुंचा और न ही वंदेमातरम गायन समूह के सदस्य, जबकि हमेशा की तरह कुछ कर्मचारी पार्क में जरूर पहुंचें थे.
वहीं इस मामले में बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला है. बीजेपी सरकार में मंत्री रहे उमा शंकर गुप्ता ने कहा, 'जिस वंदे मातरम को लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी गई उससे कांग्रेस को परहेज है तो मानसिकता समझ लीजिए. कमलनाथ के दर्शन करने से लेकर जनेऊ पहन लेने की जनता को दिखाने की प्रवृत्ति साफ होती जा रही है. सूर्य नमस्कार को दुनिया अपना रही है. यह योग है. उस पर पाबंदी लगा रहे हैं. नकारात्मक भावना से राजनैतिक विद्वेष से की शुरुआत र कांग्रेस अपने पैर में कुल्हाड़ी मार रही है'.