कमलनाथ सरकार के सामने संकट, 28 की टीम और 19 की चुनौती
भोपाल
कमलनाथ मंत्रिमंडल के गठन को अभी एक दिन भी नहीं हुआ है और कांग्रेस में घर से लेकर बाहर वालों तक ने आंखें दिखाना शुरू कर दिया है. पहले हीरालाल अलावा ने मंत्री ना बनाए जाने पर राहुल गांधी से शिकायत करने की बात कही और फिर अखिलेश यादव ने अपने इकलौते विधायक को मंत्री ना बनाने पर नाराज़गी जताई. वहीं मंत्री न बनाए जाने से घर का घमासान भी जारी है. ऐसे में बड़ा सवाल ये कि आखिर सीएम कमलनाथ के लिए कितनी मुश्किल है आगे की राह.
इधर सीएम कमलनाथ अपनी 28 की टीम के साथ 2019 की तैयारी में जुटे हैं उधर मंत्री ना बनने से नाराज़ घर से लेकर बाहरी नेताओं तक ने घमासान मचा दिया है. जयस से कांग्रेस में शामिल हुए और फिर विधायक बने हीरालाल अलावा से लेकर सरकार को एक विधायक का समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी के मुखिया तक ने नाराज़गी खुलकर सामने रख दी है. मंत्री ना बनाने से ख़फा हीरालाल अलावा राहुल गांधी तक जाने की बात कर रहे हैं तो वहीं अखिलेश यादव एमपी को आधार बनाकर यूपी में गैर कांग्रेसी राह चलने का दावा कर रहे हैं.
उधर मंत्री पद ना मिलने से नाराज़ नेताओं की नाराज़गी का सिलसिला घर में भी जारी है. विधायक के पी सिंह और एदल सिंह कंसाना के समर्थकों ने धरना देकर और सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराया है. कांग्रेस में घर में नाराज़ होने वाले नेताओं की फेहरिस्त और भी लंबी है. नाराज़गी के इन सुरों के बीच ही कांग्रेस और बीजेपी में सियासी बयानबाज़ी भी तेज़ हो गयी है.
मंत्रालय में नवनियुक्त मंत्रिमंडल की पहली कैबिनेट बैठक... pic.twitter.com/l3HeyeisM6
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 26, 2018
सियासी गणित के नज़रिए से कांग्रेस को सरकार चलाने के लिए एमपी में 116 सीटों की ज़रूरत है. फिलहाल हीरालाल अलावा को मिलाकर उसके 114 विधायक हैं जबकि 4 निर्दलियों, 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक के समर्थन से कांग्रेस बहुमत की सरकार चला रही है. ऐसे में देखना यह है कि वह किस हद तक कांग्रेस नेताओं की नाराज़गी मोल ले सकती है.