कमलनाथ सरकार में गौशालाएं होंगी स्मार्ट, गोबर-गौमूत्र एक्सपोर्ट करने का है प्लान

कमलनाथ सरकार में गौशालाएं होंगी स्मार्ट, गोबर-गौमूत्र एक्सपोर्ट करने का है प्लान

भोपाल 
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार अब गौ-वंश के लिए स्मार्ट गौशाला बनाने जा रही है. यह पशुपालन विभाग का ड्रीम प्रोजेक्ट है. स्मार्ट गौशाला में गायों के उठने-बैठने से लेकर चारा खाने तक के लिए हर सुविधा आधुनिक होगी. यहां गाय से मिलने वाला गोबर से लेकर गाय की पूंछ के बाल तक इकट्ठा कर उन्हें देश-विदेश में एक्सपोर्ट किया जाएगा. प्रदेश सरकार इसको लेकर योजना बनाने में जुटी है.

मध्‍य प्रदेश सरकार ने गौशाला को लेकर विस्‍तृत योजना तैयार की है. साथ ही उत्‍पादों को देश के साथ विदेशों में निर्यात करने के तौर-तरीके भी तलाशने की कोशिश की जा रही है. यह सब राज्‍य के पशुपालन विभाग की ओर से किया जा रहा है. बताया जाता है कि यह मध्‍य प्रदेश पशुपालन विभाग का ड्रीम प्रोजेक्‍ट है. इसके तहत आधुनिक गौशाला तैयार करने की योजना है. इसमें गायों के सोने और घूमने-फिरने के लिए अलग-अलग क्षेत्र बनाए जाएंगे. उन्हें चारा देने से लेकर उनके गोबर और मूत्र संग्रह तक के लिए फिल्ट्रेशन प्लांट बनाने का प्‍लान है. इसके लिए शासन को निजी कंपनियों को सिर्फ ज़मीन मुहैया करानी होगी. हालांकि, कंपनियों को आवंटित की जाने वाली जमीन सशर्त होगी. ज़मीन तब तक ही कंपनी के नाम पर रहेगी, जब तक उस पर गौशाला का संचालन किया जाएगा. संबंधित कंपनी द्वारा दूसरे उद्देश्‍य के लिए इस्‍तेमाल करने पर आवंटन को रद्द कर दिया जाएगा.

प्रदेश सरकार के इस प्लान से आवारा गायों को अब संरक्षण मिल सकेगा. पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक में इस प्लान पर मुहर लग चुकी है. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि स्मार्ट गौशाला का डिजाइन गायों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा. व्यवस्था ऐसी रहेगी कि गाएं सर्दी-गर्मी से बची रहें. उन्हें नहलाने के लिए स्प्रिंगलर लगाए जाएंगे.

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान जारी वचन-पत्र में गायों के संरक्षण का वादा किया था. उसी को ध्यान में रखकर स्मार्ट गौशाला का प्लान तैयार किया गया है.

स्मार्ट गौशाला में निराश्रित गौ-वंश का रख-रखाव किया जाएगा. गाय के गोबर, मल-सूत्र और पूंछ के बालों को देश-विदेश में एक्सपोर्ट किया जाएगा. इसका इस्तेमाल विभिन्न वस्तुएं बनाने में किया जाएगा. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रोजेक्ट गौशाला की गुरुवार को भोपाल में समीक्षा की. उन्होंने निर्देश दिया कि गौशाला खोलने वाले व्यक्ति को सरकारी ज़मीन के उपयोग का अधिकार दिया जाए. उन्होंने जिला पशु कल्याण समितियों का पुर्नगठन कर सभी ब्लॉक में पशु कल्याण समिति बनाने का निर्देश दिया. बैठक में बताया गया कि गौशाला प्रोजेक्ट में 955 गौशालाओं का काम शुरू कर दिया गया है. 614 गौशालाएँ वर्तमान में चल रही हैं.

गौ-शालाओं की स्थिति-

  • मध्य प्रदेश में कुल 8 लाख 65 हज़ार गाय हैं
  • निराश्रित गायों के लिए सरकार ने 1000 गौशालाओं को चिन्हित किया है
  • सरकार 614 गौशालाएं संचालित कर रही है
  • 614 गौशालाओं में 1 लाख 60 हज़ार गायों का रख रखाव किया जा रहा है.