करतारपुर कॉरिडोर: भारत ने दिया बैठक का प्रस्ताव, पाकिस्तान का नहीं आया जवाब

नई दिल्ली
भारत ने करतारपुर कॉरिडोर के मद्देनजर तकनीकी स्तर की बैठक करने के लिए पाकिस्तान को प्रस्ताव दिया था. सूत्रों के मुताबिक ये बैठक अगस्त के पहले हफ्ते में आयोजित की जानी थी. भारत ने करतारपुर कॉरिडोर के लिए व्यवस्था बनाने और अंतरिम संपर्क मार्ग की रूपरेखा को अंतिम रूप देने का प्रस्ताव पाकिस्तान को दिया था.
हालांकि पाकिस्तान ने अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं दिया है. सूत्रों का कहना है कि भारत की ओर से करतारपुर कॉरिडोर के इस्तेमाल के दौरान आने वाली समस्याओं और नोडल बिंदुओं पर तीर्थयात्रियों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए मैकेनिज्म विकसित करने का प्रस्ताव दिया गया था.
हालांकि पाकिस्तान की तरफ से इस प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं आने पर उसे एक रिमाइंडर भेजा गया है. सूत्रों के मुताबिक भारत ने करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के तौर-तरीकों पर समझौते को अंतिम रूप देने के प्रस्तावों को भी साझा किया था. भारत को उम्मीद है कि गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के लिए समय पर गलियारे को चालू करने के लिए पाक इन प्रस्तावों पर तेजी दिखाएगा.
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान और भारत के रिश्तों में कड़वाहट चरम पर पहुंच गई है. पाकिस्तान ने भारत से सभी कारोबारी संबंध खत्म कर दिए हैं और राजनयिक संबंधों में कमी की है. हालांकि गुरुवार को पाकिस्तान ने कहा था कि करतारपुर कॉरिडोर का काम योजना के मुताबिक चलता रहेगा. भारतीय राजदूत को निष्कासित किए जाने के बाद पाकिस्तान ने यह ऐलान किया था.
भारत और पाकिस्तान के संबंध बिगड़ने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चिंता जताई थी कि कहीं इसका असर करतारपुर कॉरिडोर पर न पड़े. पाकिस्तान ने कहा था कि करतारपुर कॉरिडोर परियोजना जारी रहेगी. पाकिस्तान सभी धर्मों का आदर करता है और वह परियोजना के साथ आगे बढ़ेगा. पाक ने कहा, भारत व पाकिस्तान ने कॉरिडोर के निर्माण पर सहमति जताई थी. यह कॉरिडोर भारत के सिख तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब तक आसानी से पहुंच मुहैया कराएगा. गुरुद्वारा साहिब करतारपुर के नरोवल में स्थित है.
वर्तमान गुरुद्वारा उस जगह पर बना है, जहां गुरु नानक देव ने जीवन के अंतिम दिन बिताए थे. उनका 22 सितंबर 1539 को इसी जगह निधन हुआ था. प्रधानमंत्री इमरान खान ने 28 नवंबर 2018 को करतारपुर कॉरिडोर की नींव रखी थी. करतारपुर कॉरिडोर को गुरु नानक देव के 55वीं जयंती पर नवंबर में खोला जाना है.