कांग्रेस के सबसे पुराने दफ्तर को बचाने के लिए चंदे के सहारा लेंगे पार्टी कार्यकर्ता

इलाहाबाद 
देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस के सबसे पुराने राजनीतिक दफ्तर का वजूद खतरे में हैं। नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक शहर इलाहाबाद में देश की आजादी के पहले स्थापित किए गए शहर कांग्रेस कमिटी के दफ्तर को खाली करने को लेकर मकान मालिक ने चेतावनी दी है। अब दफ्तर बचाने के लिए पदाधिकारी और कार्यकर्ता चंदा जुटा रहे हैं।  

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर उनकी पत्नी कमला नेहरू, बेटी इंदिरा गांधी समेत कई हस्तियां शहर कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। लेकिन सालों से किराये का भुगतान ना करने की वजह से दफ्तर खाली कराने का नोटिस मिलने के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से भी गुहार लगाई है। 

1932 से ही इमारत में चल रहा है दफ्तर 
नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक शहर इलाहाबाद के चौक इलाके में शहर कांग्रेस कमिटी का यह दफ्तर स्थित है। 34 जवाहर स्क्वायर फीट भूमि में स्थित शहर कांग्रेस कमिटी के दफ्तर को खाली करने के लिए मकान मालिक ने नोटिस दी है। दरअसल, देश की आजादी के पहले वर्ष 1932 से ही शहर कांग्रेस कमिटी का यह दफ्तर इसी बिल्डिंग में चल रहा है। उस समय इसका किराया काफी कम हुआ करता था। इधर कई सालों से शहर कांग्रेस कमिटी ने मकान मालिक को किराये का भुगतान ही नहीं किया, जिसके चलते मकान का किराया बढ़कर करीब 55 हजार रुपये तक पहुंच गया है। अब मकान मालिक राजकुमार सारस्वत ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को दफ्तर खाली करने की चेतावनी दी है। 

कई बड़ी घटनाओं का गवाह रहा है दफ्तर 
यह दफ्तर देश की आजादी की कई तारीखों का भी गवाह रहा है। आजादी के समय यह दफ्तर जहां प्रमुख राजनीतिक गतिविधियों का केन्द्र हुआ करता था, वहीं देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू शहर कांग्रेस कमेटी की पहली अध्यक्ष रही थीं। इसके बाद देश के पहले प्रधानमंत्री बने पंडित जवाहर लाल नेहरू भी इलाहाबाद शहर कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष पद पर रहे। उनके बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी समेत देश की कई महान हस्तियों ने शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद को सुशोभित किया है। 

प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व से मांगी गई मदद 
प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य किशोर वार्ष्णेय ने बताया कि, फिलहाल शहर कांग्रेस कमिटी के पदाधिकारी चंदा जुटाकर इसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं। यह कांग्रेस का देश का सबसे पुराना राजनीतिक दफ्तर है। इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राज बब्बर के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से भी इस धरोहर को बचाये जाने की मांग की गयी है।