काेर्ट ने पति के फैसले काे किया अमान्य, तीन तलाक के खिलाफ निदा खान ने जीती लड़ाई
बरेली
तीन तलाक को लेकर निदा खान को बड़ी जीत मिली है। बरेली की अदालत ने निदा खान को उसके पति द्वारा दिए गए तीन तलाक को अवैध करार दिया है। इतना ही नहीं अदालत ने निदा के पति द्वारा दी गई याचिका को भी खारिज कर दिया है। फिलहाल अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को तय की है।
जानिए पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक निदा की शादी आला हजरत खानदान के उस्मान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से 16 जुलाई 2015 को शादी हुई थी, लेकिन बाद में 5 फरवरी 2016 को उनका तलाक हो गया। उसके बाद निदा ने अदालत का सहारा लिया है। यही नहीं, निदा अन्य तलाकशुदा महिलाओं के लिए भी आंदोलन कर रही हैं।
दहेज की वजह से दिया तीन तलाक
निदा का कहना है कि शादी के कुछ समय बाद ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा और मांग पूरी नहीं होने पर उन्हें 3 बार तलाक, तलाक, तलाक कहकर घर से मारपीट कर निकाल दिया गया। जिसके बाद उसने कानून का सहारा लिया और आज उ,की बड़ी जीत मिली है।
कोर्ट ने पति की दलील को ठुकरा दिया
बरेली जनपद के इस कोर्ट में निदा के पति शीरान रजा खां के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस दायर किया था। जिसके बाद निदा के पति शीरान ने कोर्ट में ये कहा था कि उन्होंने निदा को तलाक दे दिया है इसलिए उन पर कोई केस नहीं बनता, लेकिन कोर्ट ने इस दलील को ठुकरा दिया।
तीन तलाक का विरोध करने पर मुफ्ती आलम ने जारी किया फतवा
निदा खान द्वारा तीन तलाक का विरोध करने पर मुफ्ती आलम ने भी उसके खिलाफ फतवा जारी कर दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि निदा अल्लाह और उसके बनाये हुए कानून की मुखालिफत कर रही हैं, लिहाजा उनका ‘हुक्का-पानी’ बन्द कर दिया गया है। निदा की मदद करने वाले और उससे मिलने-जुलने वाले मुसलमानों को भी इस्लाम से खारिज कर दिया जाएगा।
मुफ्ती आलम के फतवे के मुताबिक निदा अगर बीमार हो जाती है तो उसको दवा भी नहीं दी जाएगी। निदा की मौत पर जनाजे की नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं निदा की मृत्यु होने पर उसे कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगा दी गई है। इस पर निदा ने भी पलटवार करते हुए कहा था कि मुफ्ती मुझे इस्लाम में निकलाने वाले होते कौन हैं।