किसानों को वापस होगी टाटा के लिए अधिग्रहित जमीन, भूपेश कैबिनेट ने लगाई मुहर

बस्तर
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश की अगुआई में कैबिनेट के नौ मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. इसके बाद शाम को मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में मंत्रियों के साथ बैठक ली. मंत्रालय महानदी भवन में नवगठित कैबिनेट की पहली बैठक हुई. इसमें बस्तर में टाटा इस्पात संयंत्र के लिए अधिग्रहित की गई जमीन किसानों को वापस करने का निर्णय सर्वसम्मति से पारित कर दिया.
कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री रविन्द्र चौबे ने मीडिया से चर्चा की. रविन्द्र चौबे ने बताया कि कैबिनेट ने सैंद्धांतिक रूप से बस्तर के किसानों की टाटा के लिए ली गई जमीन वापस करने का फैसला लिया है. कैबिनेट की बैठक के बाद संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए. इसमें कहा गया कि एक महीने के भीतर जमीन वापसी की नियमानुसार कवायद की जाए.
बता दें कि बता दें किबस्तर जिले के लोहांडीगुड़ा क्षेत्र में जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी. साल 2008 में अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की गई थी. इसके तहत 10 गांवों के 1707 किसानों की 2 हजार 43 हेक्टेयर जमीन ली गई थी, लेकिन टाटा प्रबंधन ने उद्योग लगाने से इनकार कर दिया. इसके बाद किसान अपनी जमीन वापस करने की मांग लंबे समय से कर रहे थे.
विधान चुनाव 2018 के प्रचार के दौरान भूपेश बघेल के साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बस्तर प्रवास के दौरान लोहांडीगुड़ा क्षेत्र के किसानों को विश्वास दिलाया था कि उनकी अधिग्रहित भूमि उन्हें वापस दिलायी जाएगी. कांग्रेस के जनघोषणा पत्र में प्रदेश के किसानों से यह वादा किया गया है कि औद्योगिक उपयोग के लिए अधिग्रहित कृषि भूमि, जिसके अधिग्रहण की तारीख से 5 वर्ष के भीतर उस पर कोई परियोजना स्थापित नहीं की गई है, वह किसानों को वापस की जाएगी.