कुंभ के विकास कार्यों के लिए मुस्लिमों ने खुद गिराई मस्जिद और कब्रिस्तान की दीवार
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इलाहाबाद
2019 में आयोजित होने वाले महाकुंभ से पहले इलाहाबाद में सांप्रदायिक सौहार्द की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली है। शहर में कुंभ के आयोजन से पहले एक ओर जहां मार्गों के चौड़ीकरण के लिए तमाम मकानों को तोड़कर अतिक्रमण हटाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने खुद अतिक्रमण करके बनाए गए कब्रिस्तान और मस्जिद की दीवार को गिराकर आपसी सहयोग का बड़ा उदाहरण पेश किया है।
इलाहाबाद के राजरूपपुर इलाके में बनी एक मस्जिद का कुछ हिस्सा और चकिया में पूर्व सांसद अतीक अहमद के कार्यालय के सामने स्थित कब्रिस्तान की दीवार संबंधित संचालकों ने खुद ही गिरा दी है। यहां इलाहाबाद विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है। मस्जिद और कब्रिस्तान के मुतवल्ली द्वारा खुद ही एक हिस्सा गिरा दिए जाने की एडीए अफसरों ने भी सराहना की है। इससे पहले सिविल लाइंस इलाके में इंदिरा भवन के निकट सड़क पर बनी मस्जिद को भी मुस्लिम समाज के लोगों ने खुद ही गिरा दिया था।
पुराने शहर में मुस्लिम समाज के लोगों ने की पहल
सड़क निर्माण की जद में आ रहे धार्मिककु स्थलों के कुछ हिस्सों को हटाने को लेकर एडीए अफसरों की ओर से संबंधित धार्मिक स्थलों के संचालकों के साथ पिछले दिनों बैठक भी हुई थी। जिसमें तय हुआ था कि सड़क निर्माण की जद में जो हिस्सा आ रहा है उसे संबंधित लोगों द्वारा ही हटवाया जाए। इसके बाद कई मस्जिदों और कुछ कब्रिस्तानों के हिस्से मजदूर लगवाकर गिराने का काम शुरू कर दिया गया है। इस कार्रवाई के बारे में एडीए के सचिव गुडाकेश शर्मा ने बताया कि सभी धर्मों से जुड़े लोग इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं। विशेषकर पुराने शहर में कई धार्मिक स्थल सड़कों की जद में थे, जिन्हें या तो हटा लिया गया है या हटाया जा रहा है।
सरकार के कदम का किया समर्थन
वहीं अतिक्रमण ध्वस्त करने वाले मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि उन्होंने खुद की इच्छा से सभी अतिक्रमण को ध्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि इन सभी को सरकारी जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण करके बनाया गया था, जिसके बाद हमनें खुद इसकी पहल करके इन्हें तोड़ दिया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि सरकार कुंभ के लिए सड़कों का चौड़ीकरण करा रही है, और यह विकास के लिहाज से एक बड़ा कदम है जिसका हम सभी समर्थन करते हैं।