कोल्ड ड्रिंक्स पीने की आदत दे सकती है कैंसर जैसी 6 बीमारियां
अकसर हमारे साथ ऐसा होता है कि हमें प्यास तो लगती है लेकिन हम पानी नहीं पीना चाहते। हम ठंडा, सनसनाहट भरा कुछ मीठा पीना चाहते हैं। दिमाग में फौरन आता है कोल्ड ड्रिंक। जूस, पानी या छाछ की जगह हमें कोल्ड ड्रिंक ज्यादा पसंद आता है। जो लोग कैलरी को लेकर सजग होते हैं वे डायट कोक पीते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि साधारण कोल्ड ड्रिंक हो या डायट सॉफ्ट ड्रिंक दोनों ही आपकी सेहत को बराबर नुकसान पहुंचाते हैं और कम से कम छह बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं:
कैंसर का जोखिम
कोल्ड ड्रिंक्स में कोला वाला कलर लाने के लिए कैरेमल कलरिंग की जाती है। इसके लिए इसमें कई अमोनियम कंपाउंड्स मिलाए जाते हैं। सॉफ्ट ड्रिंक बनाने की प्रक्रिया में अमोनियम कंपाउंड्स, सल्फाइट्स और चीनी रिएक्ट करके methylimidazole और 2-methylimidazole बनाते हैं। शोधों में इन्हें लिवर और फेफड़ों के कैंसर के लिए जिम्मेदार माना गया है।
हार्ट अटैक
हाल ही में हुई एक स्टडी में पता चला है कि जो महिलाएं एक सप्ताह में दो या दो से ज्यादा डायट सोडा पीती हैं उन्हें उन महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा दो गुना होता है जो इनसे दूर रहती हैं। यह स्टडी उन महिलाओं के ऊपर की गई थी जो 50 साल से ज्यादा उम्र की हैं।
फैटी लिवर डिजीज
कोल्ड ड्रिंक में बहुत अधिक मात्रा में चीनी मौजूद होती है। यह हमारे लिवर में जाकर जमा होती है। इसकी वजह से फैटी लिवर डिजीज होने का जोखिम बढ़ जाता है। यह लिवर के लिए खतरनाक स्थिति है।
प्रतीकात्मक चित्र
टाइप 2 डायबीटीज
चीनी की बहुत अधिक मात्रा को शरीर में समायोजित करने के लिए अधिक इंसुलिन की जरूरत होती है। इससे अग्नाशय पर दबाव पड़ता है। इसलिए नियमित रूप से कोल्ड ड्रिंक्स पीने से भविष्य में टाइप 2 डायबीटीज होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
दांतों को नुकसान
अधिक चीनी होने से शरीर में एसिड लेवल बढ़ जाता है। इसकी वजह से दांतों में कैविटी होने की आशंका भी ज्यादा हो जाती है।
सिरदर्द और माइग्रेन
डायट सोडा में मौजूद आर्टिफिशल स्वीटनर्स से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या होती है। ऐसी कई रिसर्च हैं जिनमें सिरदर्द और आर्टिफिशल स्वीटनर्स के बीच के संबंध को स्थापित किया गया है।