गणपति महोत्सव: लालबाग राजा के पंडाल में ‘चंद्रयान’
नई दिल्ली
देशभर में कल यानी सोमवार से 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत के मद्देनजर पंडाल सज गए हैं और तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं। खासकर महाराष्ट्र में गणपति को समर्पित पंडाल इस बार भी अपनी कलात्मकता और भारी-भरकम खर्च के कारण सुर्खियों में हैं। मुंबई की सबसे प्रसिद्ध गणपति प्रतिमा ‘लालबाग के राजा’ को अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-2 की थीम पर स्थापित किया गया है। प्रतिमा के दोनों ओर दो कृत्रिम अंतरिक्ष यात्री बनाए गए हैं। पंडालों की कुछ रोचक विशेषताओं से अवगत कराती यह खास रिपोर्ट।
61 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा हैदराबाद के खैरताबाद में एक करोड़ के लागत से स्थापित की जाएगी
13,000 पंडाल अकेले मुंबई में गणपति की प्रतिमा स्थापित कराते हैं
20 करोड़ के आभूषण से गणपति को सजाएगा मुंबई का गौड़ सारस्वत ब्राह्मण सेवा मंडल
266 करोड़ का बीमा
देश के सबसे अमीर गणपति मंडल यानी जीएसबी (गौड़ सारस्वत ब्राह्मण) सेवा मंडल ने इस बार 266.65 करोड़ रुपये का बीमा कवर लिया है। यह पिछले साल से 1.65 करोड़ रुपये ज्यादा है। इस रकम में पंडाल, मूर्ति, कीमती आभूषण, स्वयंसेवकों और श्रमिकों के जीवन का भी बीमा शामिल है।
गणपति मंडलों के चंदे पर मंदी की मार
आर्थिक मंदी का असर इस बार गणपति मंडलों को मिलने वाले चंदों पर पड़ा है। बड़े मंडलों को मिलने वाले चंदे में तो कोई कमी नहीं आई है, लेकिन छोटे-मोटे मंडलों को मिलने वाले चंदो में 25 फीसदी तक कमी आई है।
गणेश चतुर्थी पर दो शुभ योग के साथ चार ग्रहों का संयोग
गणेश चतुर्थी पर लंबे समय बाद कई शुभ संयोग बनेंगे। एक ओर जहां ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति से शुक्ल और रवियोग बनेगा, वहीं सिंह राशि में चतुग्र्रही योग भी बन रहा है। यार्नि सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र एक साथ विद्यमान रहेंगे।
ग्रहों और सितारों की इस शुभ स्थिति के कारण इस त्योहार का महत्व और शुभता और बढ़ जाएगी। दो सितंबर को गणेश चतुर्थी के साथ ही दस दिवसीय गणेशोत्सव शुरू हो जाएगा। लंबे समय बाद इस बार गणेश चतुर्थी पर दो शुभ योग और ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। जिसकी वजह से गणेश चतुर्थी का महत्व बढ़ गया है। 2 सितंबर दिन सोमवार की शुरुआत हस्त नक्षत्र में होगी और गणेश प्रतिमाओं की स्थापना चित्रा नक्षत्र में की जाएगी। गणेश चतुर्थी पर मध्याह्न काल में अभिजित मुहूर्त के संयोग पर गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना करना शुभ रहेगा। पंचांग के अनुसार अभिजित मुहूर्त सुबह 11.55 से दोपहर 12.40 तक रहेगा। पूरे दिन शुभ संयोग होने से सुविधा अनुसार किसी भी शुभ लग्न या चौघड़िया मुहूर्त में गणेश जी की स्थापना कर सकते हैं।